Bihar Election 2025: विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शिक्षकों की भर्ती में डोमिसाइल नीति लागू करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने इसके संबंध में शिक्षा विभाग को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। सीएम ने कहा कि अब बिहार में होने वाली शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी। यानी अब केवल बिहार के स्थायी निवासियों को ही इस बहाली में प्राथमिकता दी जाएगी। यह नई नियम TRE‑4 (2025) से लागू किया जाएगा। वहीं, साल 2026 में TRE-5 का आयोजन भी इसी नियम के अनुसार किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार ने डोमिसाइल लागू करने से संबंधित निर्देश कुछ दिन पहले ही अपने अधिकारियों को दे दिए थे। इसके बाद सोमवार (4 अगस्त) को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी आधिकारिक घोषणा भी कर दी है। इससे पहले RJD नेता तेजस्वी यादव ने वादा किया था उनकी सरकार आएगी तब बिहार की बहाली में 100% डोमिसाइल नीति लागू करेंगे।
सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को X पर लिखा, "नवम्बर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही हमलोग शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं। शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। शिक्षकों की बहाली में बिहार के निवासियों (DOMICILE) को प्राथमिकता देने हेतु शिक्षा विभाग को संबंधित नियम में आवश्यक संशोधन करने का निर्देश दिया गया है। यह TRE-4 से ही लागू किया जाएगा। वर्ष 2025 में TRE-4 एवं वर्ष 2026 में TRE-5 का आयोजन किया जाएगा। TRE-5 के आयोजन के पूर्व STET का आयोजन करने का भी निदेश दिया गया है।"
'डोमिसाइल नीति' के लिए बढ़ते हंगामे के बीच नीतीश कुमार मंत्रिमंडल ने हाल में आदेश दिया था कि सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण अब केवल बिहार के स्थायी निवासियों पर ही लागू होगा। महिलाओं के लिए आरक्षित सरकारी नौकरियों के लिए डोमिसाइल नीति लागू करने का ऐलान किया गया था।
साल 2016 से राज्य सरकार की नौकरियों में महिला उम्मीदवारों के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण कोटा लागू है। इस कोटे को केवल बिहार की स्थायी निवासी महिलाओं तक सीमित करती है। नीतीश सरकार की तरफ से बताया गया था कि अब केवल बिहार की मूल निवासी महिला उम्मीदवारों को ही 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा।
बिहार की राजधानी पटना में सरकारी नौकरियों में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर शुक्रवार को युवाओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने यातायात को बाधित करने की भी कोशिश की। इस दौरान नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया गया, लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। छात्र नेता दिलीप कुमार के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में प्रतिभागी स्थानीय युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 90 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर गांधी मैदान के पास जुटे थे।
बिहार में नौकरी के इच्छुक लोगों के बीच डोमिसाइल नीति की मांग लंबे समय से एक मुद्दा रही है। हालांकि, राज्य सरकार ने बार-बार ऐसी किसी नीति से इनकार किया है। सरकार ने पहले कहा था कि ऐसा कोई भी कदम संविधान के प्रावधानों के खिलाफ होगा। इस फैसले से राज्य के लाखों अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा जो लंबे समय से डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग कर रहे थे।