Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी 'महागठबंधन' में कांग्रेस और RJD के बीच सीटों को लेकर जारी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस विवाद को सुलझाने के लिए कांग्रेस आलाकमान के आदेश पर बुधवार (22 अक्टूबर) को राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत पटना पहुंचे। इस दौरान गहलोत ने RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से उनके आवास पर एक घंटे तक मुलाकात की। इसके बाद कांग्रेस नेता ने स्पष्ट किया कि गठबंधन पूरी तरह एकजुट है। जल्द सभी भ्रम समाप्त हो जाएंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार चुनाव के लिए पार्टी पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने कहा, "तमाम काम बहुत अच्छे से चल रहे हैं। एक-दो दिन में जो भी भ्रम है। वह पूरी तरह दूर हो जाएगा।" पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने स्वीकार किया कि बिहार की 243 विधानसभा सीट में से कुछ पर 'फ्रेंडली फाइट' की स्थिति बन सकती है। लेकिन उन्होंने इसे किसी बड़े विवाद के रूप में देखने से इनकार किया।
गहलोत ने कहा कि हमारी लालू जी और तेजस्वी यादव से अच्छी बातचीत हुई है। कल (22 अक्टूबर) एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी और सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। गहलोत ने कहा, "कल प्रेस कॉन्फ्रेंस है, सारा भ्रम दूर हो जाएगा। महागठबंधन एकजुट होकर मैदान में उतर रहा है। 243 सीटों में से 5-10 सीटों पर लोकल मुद्दे भी होते हैं वहां फ्रेंडली फाइट हो सकती है। कोई दिक्कत नहीं है।"
सीएम के नाम पर सस्पेंस बरकरार
उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए RJD नेता तेजस्वी यादव के नाम घोषणा से जुड़े सवाल का जवाब देने से बचने की भी कोशिश की। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें गठबंधन सहयोगी के साथ सीट बंटवारे को लेकर उत्पन्न तनाव को दूर करने का जिम्मा सौंपा है। सीट बंटवारे पर पूरी तरह सहमति नहीं बनने से बिहार में विपक्षी महागठबंधन को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है।
बैठक के बाद गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे अहम राज्य में हार के बाद बिहार का चुनाव विपक्षी गठबंधन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हालांकि, जब उनसे यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस RJD नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के लिए तैयार है, तो उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा, "आप मुझसे इस तरह की घोषणा क्यों करवाना चाहते हैं?"
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "आपने दो महीने पहले 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान (कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष) राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'कैमिस्ट्री' देखी थी, जब दोनों नेताओं ने राज्य भर में साथ यात्रा की थी। वे उपयुक्त समय पर उपयुक्त निर्णय लेंगे।"
लालू कांग्रेस के चाल से नाराज
माना जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से तेजस्वी यादव को औपचारिक समर्थन न मिलने से RJD नेतृत्व में असंतोष है। हालांकि वह 'तेजस्वी सरकार' के नारे के साथ चुनावी अभियान चला रहे हैं। बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों में से RJD 143 और कांग्रेस 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। हालांकि, कम से कम पांच सीटों पर दोनों दलों के बीच 'फ्रेंडली फाइट' होने जा रहा है। वहीं, तीन सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी गठबंधन सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) से भी मुकाबला करेंगे।
गहलोत ने पटना एयरपोर्ट पर कहा कि पांच-10 सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट' कोई बड़ी बात नहीं है। लालू प्रसाद से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि नामांकन वापसी की आखिरी तारीख तक सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे।"
हालांकि, इनमें से पांच सीटें पहले चरण के चुनाव में आती हैं, जिनके लिए नाम वापसी की समय सीमा सोमवार को समाप्त हो चुकी है। गहलोत के साथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू भी मौजूद थे। राज्य के कुछ कांग्रेस नेता उन्हें मौजूदा स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह गंभीर है।
इस बीच, बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने भी राज्य की चुनावी रणनीति को लेकर पार्टी की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, "बिहार में मुकाबला 243 सीट पर है और यह लड़ाई सीधे तौर पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ है। यह सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं बल्कि बिहार की जनता और उनके बच्चों के भविष्य की लड़ाई है।" अल्लावरु ने विश्वास जताया कि 'महागठबंधन' जनता के मुद्दों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगा और बिहार में बदलाव की बयार लाएगा।