बिहार में चुनावी माहौल लगातार गर्म होता जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार (3 नवंबर) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भागलपुर ज़िले के तीन अलग-अलग इलाकों में जनसभाएं कीं। वे गोपालपुर, गोराडीह और सुल्तानगंज में आयोजित रैलियों को संबोधित किए। इस दौरान गोपालपुर में JDU प्रत्याशी बुलो मंडल के लिए वोट मांगे। इस सीट से पहले JDU के ही बड़बोले नेता गोपाल मंडल विधायक थे, जिन्हें इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया है।
लालू-राबड़ी के जमाने में शाम होते ही घर में कैद हो जाते थे लोग!
नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में एक बार फिर जंगलराज का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले बिहार की स्थिति बेहद खराब थी। उन्होंने कहा, "लालू-राबड़ी के शासनकाल में शाम होते ही लोग डर कर घर में कैद हो जाते थे। माता-पिता बच्चों को बाहर भेजने से घबराते थे। अपराध और खौफ ऐसा था कि बाहर निकलने की हिम्मत नहीं होती थी।" CM ने कहा कि कानून-व्यवस्था के हालात इतने खराब थे कि आम जीवन अस्त-व्यस्त था। न पढ़ाई की व्यवस्था थी न इलाज का सिस्टम।
नीतीश ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने सबसे पहले कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करवाया और फिर शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और सड़क पर ज़ोर दिया। उन्होंने दावा किया, "आज गांव-गांव एलईडी की रोशनी है। पहले लोग लालटेन जलाते थे, आज शायद ही किसी घर में लालटेन बचे हों।" उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने कब्रिस्तानों और मंदिरों की घेराबंदी कर हिंदू-मुस्लिम विवाद खत्म कराने का काम किया।
कहलगांव के गोराडीह और सुल्तानगंज के करहरिया मैदान में भी नीतीश ने जनसभाएं कीं। यहां भी उन्होंने 2005 से पहले और बाद के बिहार का जिक्र करते हुए कहा कि अब कानून का राज स्थापित हो चुका है। उन्होंने कहा, "पहले की सरकार फालतू थी। कोई विकास नहीं हुआ था। हमारे समय में ही सड़कों, अस्पतालों, स्कूलों में सुधार हुआ है।" CM ने कहा कि बिहार आज सुशासन और विकास की भाषा बोल रहा है और ये संभव हुआ है NDA की सरकार की वजह से।
बता दें कि इस बार विधानसभा चुनाव में JDU ने बड़बोल और चर्चित नेता गोपाल मंडल का टिकट काट दिया था। टिकट कटने के बाद गोपाल मंडल ने खुलकर नाराज़गी जताई और यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की मांग को लेकर उनके आवास के बाहर धरना भी दिया। इसके बावजूद पार्टी के फैसले में कोई बदलाव नहीं हुआ और पार्टी ने गोपालपुर सीट से बुलो मंडल को उम्मीदवार बनाया। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद बुलो मंडल के लिए प्रचार कर रहे हैं, जिससे इस सीट पर सियासी मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।