SIR Row: 'नाम सही तरीके से हटाए गए'; बिहार SIR पर ECI को मिला सुप्रीम कोर्ट का साथ! बैकफुट पर कांग्रेस

Bihar SIR Row: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवारको कहा कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान हमने बिहार में एक अजीब बात देखी। पीठ ने कहा कि हम निर्देश देते रहे। अपने पैरालीगल वॉलंटियर्स भेजे। लेकिन कोई यह कहने के लिए आगे नहीं आया कि मुझे वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया गया है

अपडेटेड Nov 27, 2025 पर 8:51 PM
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बिहार के बाद SIR ने पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में राजनीतिक हंगामा खड़ा कर दिया है

SIR Row: वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन का विरोध कर रहे विपक्ष को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पाया है कि बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान नाम डिलीट होने को चुनौती देने के लिए कोई भी वोटर सामने नहीं आया। न्यूज 18 के मुताबिक, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (SIR) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि बिहार में बड़े पैमाने पर लोगों के बाहर होने की पहले जताई गई आशंकाओं के बावजूद मौत, माइग्रेशन और डुप्लीकेशन के आधार पर वोटर रोल से नाम डिलीट सही तरीके से किए गए थे

SIR की कानूनी मान्यता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं की सुनवाई के दौरान CJI सूर्यकांत ने कहा, "हमने बिहार में एक अजीब बात देखी। हम निर्देश देते रहे। अपने पैरालीगल वॉलंटियर्स भेजे…कोई यह कहने के लिए आगे नहीं आया कि मुझे बाहर (वोटर लिस्ट से) कर दिया गया है।"

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'वोट चोरी' वाली बात को झटका लगा है। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी की वोट चोरी वाली बात को आज सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसी आशंकाएं पैदा की गई थीं कि एक करोड़ से ज्यादा वोटरों के नाम हटा दिए जाएंगे। लेकिन कोई भी इसे चुनौती देने के लिए आगे नहीं आया। राहुल गांधी के अपने साथी जैसे समाजवादी पार्टी और TMC वोट चोरी में विश्वास नहीं करते।"


इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी SIR के नाम पर पिछड़े, दलित, वंचित एवं गरीब मतदाताओं के नाम हटाकर अपनी मनमाफिक वोटर लिस्ट तैयार कर रही है। उन्होंने यह भी दावा भी किया कि चुनाव आयोग "लोकतंत्र की हत्या" के लिए जिम्मेदार है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के एक बीएलओ का वीडियो शेयर करते हुए X पर पोस्ट किया, "दबाव, धमकी… और नतीजा? आखिर में आत्महत्या। एसआईआर के नाम पर पिछड़े-दलित-वंचित-गरीब वोटरों को सूची से हटाकर BJP अपनी मनमाफिक मतदाता सूची तैयार कर रही है।" उन्होंने दावा किया कि निर्वाचन आयोग लोकतंत्र की हत्या’ के लिए जिम्मेदार है।

बिहार SIR विवाद

24 जून, 2025 को बिहार में वोटरों की संख्या 7.89 करोड़ थी। SIR प्रक्रिया के दौरान 65 लाख नाम हटा दिए गए। 1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल में कुल 7.24 करोड़ वोटर कम दिखाए गए। इस प्रक्रिया में 3.66 लाख अयोग्य वोटर हटाए गए। जबकि 21.53 लाख योग्य वोटरों को फॉर्म 6 जमा करके एनरोल किया गया। 30 सितंबर को पब्लिश हुई फइनल इलेक्टोरल रोल में लगभग 7.42 करोड़ वोटर दिखाए गए।

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बिहार में SIR के बाद यह काम छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप समेत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किया जा रहा है। इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होने हैं।

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