Bihar Election 2025: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व सांसद डॉ. अनिल सहनी बुधवार (22 अक्टूबर) को बिहार चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। सहनी को बीजेपी में शामिल किए जाने की घोषणा पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में की गई। इस दौरान केंद्रीय मंत्री और बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान एवं बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े मौजूद थे। RJD नेता तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कुढ़नी के पूर्व विधायक अनिल सहनी को स्टार प्रचारक बनाया था।
अनिल सहनी ने अपना इस्तीफा आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मांगनी लाल मंडल को सौंप दिया है। सहनी का बीजेपी में शामिल होना पार्टी द्वारा निषाद समुदाय तक अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इस अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) समुदाय की उनके गृह जिले मुजफ्फरपुर में अच्छी खासी आबादी है। सहनी के साथ RJD की पूर्व विधायक आशा देवी भी बीजेपी में शामिल हुईं।
न्यूज 18 के मुताबिक, सहनी ने इस्तीफे के साथ RJD नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में अति पिछड़ा वर्ग के नेताओं और कार्यकर्ताओं का लगातार अपमान किया जा रहा है। सहनी ने कहा कि RJD में अब योग्यता और जनाधार से अधिक परिवारवाद और चापलूसी को प्राथमिकता दी जा रही है।
सहनी ने कहा कि उन्हें पार्टी ने स्टार प्रचारक बनाया था। लेकिन 'महागठबंधन' के सीट बंटवारे और संगठनात्मक फैसलों में अतिपिछड़ों की उपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा, "RJD जिस दिशा में जा रही है, उसमें आम कार्यकर्ता और खासकर अति पिछड़ा समाज के लिए अब कोई जगह नहीं बची है।"
अनिल सहनी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में कुढ़नी सीट से बीजेपी प्रत्याशी केदार गुप्ता को लगभग 900 वोटों के अंतर से हराया था। बाद में सहनी की सदस्यता रद्द होने के बाद हुए उपचुनाव में गुप्ता ने यह सीट जीत ली। फिर वह राज्य सरकार में मंत्री बने।
पूर्व सांसद सहनी को तीन साल पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक अदालत ने धोखाधड़ी के एक मामले में दोषी ठहराया था। पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली में सीबीआई कोर्ट ने सहनी को साल 2012 में कथित रूप से जाली हवाई टिकट जमा करने के आरोप में दोषी पाया था। उस समय वे राज्यसभा सदस्य थे। उन्होंने यात्रा किए बिना ही LTC (यात्रा संबंधी रियायत) का लाभ उठाया था।
RJD सूत्रों का कहना है कि अनिल सहनी पिछले कुछ समय से संगठन से नाराज चल रहे थे। बिहार चुनाव के लिए हाल के टिकट बंटवारे के बाद उनकी नाराजगी खुलकर सामने आ गई। 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा की 121 सीटों पर छह नवंबर को जबकि शेष 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होगा। वहीं, मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।