Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने से पहले ही कैमूर जिले के मोहनिया सीट से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की हार हो गई है। मोहनिया विधानसभा क्षेत्र से RJD उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया गया है। नामांकन रद्द होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में आरजेडी उम्मीदवार श्वेता सुमन फूट-फूट कर रो पड़ीं। उन्होंने दावा किया भारतीय जनता पार्टी (BJP) को उनसे डर लग रहा था, इसलिए उनका नामांकन साजिश के तहत रद्द करा दिया गया। श्वेता सुमन ने आरोप लगाया कि यह फैसला राजनीतिक दबाव में लिया गया है।
मोहनिया विधानसभा क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी रद्द होने का दावा करते हुए RJD नेता श्वेता सुमन मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गईं। इस दौरान वह रोने लगीं। श्वेता सुमन ने कहा, "दिल्ली से लगातार आरओ और सीओ पर दबाव बनाया जा रहा था। उन्हें यह फैसला लेने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि वे असहाय हैं।"
RJD नेता ने आगे कहा, "BJP, पीएम मोदी और अमित शाह दबाव डाल रहे थे। और कौन दबाव डाल रहा होगा? ... मैं निश्चित रूप से अदालत जाऊंगी... यहां से बीजेपी उम्मीदवार संगीता ने अधिसूचना की तारीख के बाद अपना जाति प्रमाण पत्र जमा किया। लेकिन उन्होंने इसे 13 अक्टूबर को जमा किया... लेकिन चूंकि वह बीजेपी से हैं, इसलिए कुछ नहीं किया जाएगा।"
चुनाव आयोग ने उनका नामांकन इसलिए खारिज कर दिया, क्योंकि जांच में यह पाया गया कि वह उत्तर प्रदेश की मूल निवासी हैं। इससे वह इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गईं। इससे पहले पूर्वी चंपारण में विपक्ष को बड़ा झटका लगा था। दरअसल, सुगौली सीट से RJD विधायक शशि भूषण सिंह ने VIP के टिकट पर पर्चा किया था। लेकिन नामांकन में हुई गलती के कारण उनका नामांकन रद्द कर दिया गया है।
जनसुराज को भी लगा बड़ा झटका
इससे पहले जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के तीन उम्मीदवारों ने भारतीय जनता पार्टी के दबाव में अपने नामांकन वापस ले लिए। किशोर ने यह दावा भी किया कि सत्ता पक्ष राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) चुनाव हारने के डर से विपक्षी उम्मीदवारों को मैदान से हटने के लिए धमका रहा है।
उन्होंने कहा, "जनसुराज को वोटकटवा बताने वाली BJP को असल में डर लग रहा है। BJP को महागठबंधन से नहीं, बल्कि जनसुराज से डर लग रहा है। इसका उदाहरण यह है कि पिछले चार दिनों में हमारे तीन घोषित उम्मीदवारों को नामांकन करने नहीं दिया गया।"
किशोर का कहना था, "लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। देश में इस तरह की कोई मिसाल नहीं रही है।" उन्होंने निर्वाचन आयोग से उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। किशोर ने बताया कि जिन उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लिया है, वे दानापुर, ब्रह्मपुर और गोपालगंज सीटों से मैदान में थे।
पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर को समाप्त हो गई। जबकि दूसरे चरण के लिए नामांकन की लास्ट डेट सोमवार को समाप्त हो गई। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के लिए दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा। जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।