राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने मंगलवार को महिलाओं को ध्यान में रखते हुए चुनाव से पहले कई वादे किए हैं। यह कदम बिहार की सत्ता में मौजूद BJP-JDU गठबंधन की घोषणाओं का जवाब माना जा रहा है।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने मंगलवार को महिलाओं को ध्यान में रखते हुए चुनाव से पहले कई वादे किए हैं। यह कदम बिहार की सत्ता में मौजूद BJP-JDU गठबंधन की घोषणाओं का जवाब माना जा रहा है।
RJD ने कहा है कि जो महिलाएं जीविका दीदी के रूप में काम कर रही हैं, उनकी नौकरी अब ठेके पर नहीं रहेगी बल्कि उन्हें स्थायी किया जाएगा। उनकी सैलरी बढ़ाकर ₹30,000 प्रति माह की जाएगी। इसके अलावा, जिन पर कर्ज है, उस कर्ज पर ब्याज माफ किया जाएगा और 2027 तक ब्याज-मुक्त ऋण दिया जाएगा।
RJD ने यह भी वादा किया है कि हर एक जीविका दीदी को ₹2,000 अतिरिक्त भत्ता और ₹5 लाख का बीमा कवर दिया जाएगा।
पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने “जीविका दीदीयों के साथ अन्याय किया है।” तेजस्वी यादव ने कहा, गांवों से लेकर शहरों तक काम इन दीदीयों के बिना संभव नहीं है, लेकिन सरकार उन्हें कुछ नहीं देती। भ्रष्ट अधिकारियों को जनता की तकलीफों की परवाह नहीं है।
जीविका नाम का यह कार्यक्रम वर्ल्ड बैंक की मदद से चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य गांवों की महिलाओं को समाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। इस परियोजना से जुड़ी महिलाएं जीविका दीदी कहलाती हैं।
बिहार में लगभग 3.5 करोड़ महिला मतदाता हैं, जिनमें से ज्यादातर नीतीश कुमार का पारंपरिक वोट बैंक मानी जाती हैं। महिलाओं ने 2020 के चुनाव में बड़ी भूमिका निभाई थी। उस समय BJP-JDU गठबंधन ने उन सीटों पर 60% से ज्यादा जीत हासिल की थीं, जहां महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा थी।
इसी वजह से RJD और उसके सहयोगी महागठबंधन दल अब महिलाओं का समर्थन पाने में जुटे हैं।
BJP या JDU की ओर से अभी तक RJD के वादों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सारण जिले की एक रैली में तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि “एक परिवार को एक सरकारी नौकरी” देने का वादा पूरी तरह झूठा और असंभव है।
अमित शाह ने कहा, बिहार में 2.8 करोड़ परिवार हैं और फिलहाल लगभग 20 लाख लोग सरकारी नौकरी में हैं। अगर 2.6 करोड़ परिवारों को नौकरी देनी है, तो इसके लिए ₹12 लाख करोड़ चाहिए, जो कि बिहार के बजट से चार गुना ज्यादा है। उन्होंने इसे वोट पाने के लिए किया गया झूठा वादा बताया।
महिलाओं के लिए BJP-JDU गठबंधन ने भी कई घोषणाएं की हैं। इनमें माई बहन मान योजना के तहत ₹10,000 का भुगतान, विधवा महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा पेंशन ₹400 से बढ़ाकर ₹1,400 करना, और पंचायत व नगर निकायों में 50% आरक्षण शामिल है।
सरकार ने 95,000 आशा कार्यकर्ताओं और 4,600 ममता हेल्थ वर्कर्स का मानदेय भी बढ़ाया है।
विपक्ष ने ₹10,000 देने के वादे को “वोट के बदले रिश्वत” बताया है। उनका कहना है कि “भाजपा-जदयू ने महिलाओं को ₹10,000 दिए, लेकिन यह वास्तव में एक रिश्वत है। खुद अमित शाह ने कहा है कि यह पैसा वापस लिया जाएगा, यानी यह एक तरह का कर्ज है।”
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 6 नवंबर और 11 नवंबर को होगा।
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