Bihar Election Result 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ने शानदार जीत दर्ज की है। बिहार में भाजपा ने एक 101 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से उसने 87 सीटों पर जीत हासिल कर ली है और 2 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं जदयू ने भी 101 सीटों पर चुनाव लड़ा था और नतीजों में उसके खाते में भी 78 सीटें पर जीत दर्ज की है वहीं 7 सीटों पर आगे चल रही है। बिहार में एक बार फिर से एनडीए सरकार की वापसी होने जा रही है। वहीं फेसम सिंगर और बीजेपी उम्मीदवार मैथिली ठाकुर ने अलीनगर सीट पर शानदार जीत दर्ज की।
अलीनगर सीट पर मैथिली ठाकुर ने आरजेडी प्रत्याशी बिनोद मिश्रा को 11730 वोटो से हराया है। अलीनगर सीट पर मैथिली ठाकुर को कुल 84915 वोट मिले, वहीं बिनोद मिश्रा को 73185 वोट मिले। बिनोद मिश्रा दूसरे स्थान पर रहे। आइए जानते हैं कौन है फेसम सिंगर और बीजेपी सिंगर मैथिली ठाकुर
TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मैथिली ठाकुर पांचवीं क्लास तक घर पर ही पढ़ाई की और करीब 12–13 साल की उम्र में एमसीडी स्कूल में दाखिला लिया। शुरुआती दिनों में उनकी सिगिंग पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन इसी टैलेंट की वजह से उन्हें बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल में म्युजिक की स्कॉलरशिप मिली। इस स्कॉलरशिप ने उन्हें पढ़ाई और म्युजिक ट्रेनिंग दोनों को साथ-साथ आगे बढ़ाने का मौका दिया।
म्युजिक की दुनिया में मैथिली ठाकुर का सफर आसान नहीं था। उन्होंने सारेगामापा लिटिल चैंप्स और इंडियन आइडल जूनियर जैसे कई रियलिटी शो में हिस्सा लिया, लेकिन शुरुआत में उन्हें खास सफलता नहीं मिली। लेकिन फिर भी उन्होंने कोशिश नहीं छोड़ी। 2017 में स्कूल में पढ़ते हुए ही मैथिली ठाकुर राइजिंग स्टार में पहली रनर-अप बनीं। यही वह पल था जिसने उनकी टैलेंट को बड़ी पहचान मिली।
शॉर्ट वीडियो क्रिएटर्स के आने से काफी पहले ही मैथिली ठाकुर फेसबुक और यूट्यूब पर लोकगीत पोस्ट करना शुरू कर दिया था। उनके गीत लोगों तक लगातार पहुंचते रहे और धीरे-धीरे उन्होंने अपना एक बड़ा दर्शक वर्ग बना लिया। पारंपरिक और भक्ति संगीत के उनके अनोखे अंदाज़ ने उन्हें मजबूत रीजनल पहचान दी और साथ ही देश-विदेश में भी श्रोता दिलाए। आज वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी प्रस्तुति देती हैं और सोशल मीडिया पर उनके चाहने वालों की संख्या काफी बड़ी है।
साल 2021 में मैथिली ठाकुर को संगीत नाटक अकादमी की ओर से उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार मिला है। ये अवॉर्ड युवा कलाकारों को दिया जाने वाला एक बड़ा सम्मान है। इसके बाद चुनाव आयोग ने उनके सांस्कृतिक योगदान और बिहार की लोक परंपराओं से गहरे जुड़ाव को देखते हुए उन्हें राज्य की प्रतीक कलाकार भी घोषित किया था।