बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले NDA में सीट बंटवारे को लेकर जारी रस्साकसी के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने सोमवार (13 अक्टूबर) को मीडिया से खुलकर अपनी बात रखी। मांझी ने माना कि उनकी पार्टी को सिर्फ छह सीटें दी गई हैं, जबकि उन्होंने कम से कम 14-15 सीटों की मांग की थी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे 'जो मिला, उसी में संतुष्ट हैं' और पूरी ताकत के साथ NDA को जिताने के लिए काम करेंगे।
जो मिला, उसी में खुश हैं, हम गरीब तबके के लोग हैं
मीडिया से बातचीत के दौरान जीतन राम मांझी ने कहा कि, "I am satisfied with what I have. हम गरीब तबके के लोग हैं, कमियों में जीना सीखा है। हमने NDA से कम से कम 14-15 सीट मांगी थी ताकि हमारी पार्टी को मान्यता मिल सके। लेकिन छह सीट दी गई, तो दुख तो है, लेकिन हम उसी में संतुष्ट हैं।"
उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य पार्टी की मजबूती और समाज के कमजोर वर्गों की आवाज को उठाना है। मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी को अभी तक निर्वाचन आयोग से मान्यता नहीं मिली है, जिसके कारण उन्हें कई बैठकों में आमंत्रित नहीं किया जाता। उन्होंने दुखी स्वर में कहा, "हमको आयोग की बैठकों में नहीं बुलाया जाता और मतदाता सूची भी नहीं दी जाती, इसलिए हम अपमानित महसूस करते हैं।"
NDA की सरकार बने, इसके लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाएंगे
भले ही सीटों की संख्या कम मिली हो, लेकिन जीतन राम मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया।
उन्होंने कहा, इसके साथ ही उन्होंने कहा "हम नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद करते हैं कि हमें छह सीट दी गई। हम अपनी पूरी ताकत लगा देंगे कि छहों सीटें जीतकर NDA की झोली में डालें। डबल इंजन की सरकार बिहार में अच्छा काम कर रही है, 5 लाख करोड़ का निवेश आ चुका है और जनता इसका लाभ देख रही है।"
चिराग को 29 सीटें मिलीं, उन्हें 39 भी मिलती तो कोई दिक्कत नहीं
वहीं, मीडिया द्वारा चिराग पासवान को 29 सीटें दिए जाने वाले सवाल पर मांझी ने कहा, "हमको कोई दिक्कत नहीं। अगर उन्हें 29 नहीं, 39 भी मिलतीं तो भी हम खुश रहते। नेतृत्व ने जो समझदारी दिखाई है, हम उसका सम्मान करते हैं। भाजपा ने जैसा तय किया है, हम उसका समर्थन करते हैं।" हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सीटों की संख्या किसी के बड़े नेता होने का प्रमाण नहीं है। "अगर ज्यादा सीट मिलने से कोई बड़ा नेता बनता है, तो माना जाएगा कि वो बड़े नेता हैं। लेकिन मैं खुद को नेता नहीं, एक छोटा वर्कर मानता हूं।"
NDA को खामियाजा भुगतना पड़ेगा?
जब मीडिया ने पूछा कि क्या सीट बंटवारे से NDA को नुकसान होगा, तो मांझी ने कहा, "कोई खामियाजा नहीं भुगतना पड़ेगा। सबकुछ ठीक कर लिया जाएगा। हमारे कार्यकर्ताओं में थोड़ी नाराजगी है, लेकिन हम सबको संतुष्ट करेंगे। हमारा लक्ष्य सिर्फ एक है - बिहार में NDA की सरकार बनाना।"
इसके साथ ही मांझी ने कहा कि वे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा करते हैं और NDA को दोबारा सत्ता में लाने के लिए "एड़ी-चोटी का पसीना एक" करेंगे।