बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले किए। इस बैठक में कुल 129 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सरकार ने खासतौर पर कर्मचारियों, छात्रों, स्वास्थ्य सेवाओं और शहरी विकास पर ध्यान दिया।
सबसे अहम फैसलों में राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी, सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए लगभग 4 अरब रुपए की छात्रवृत्ति, फिल्म और नाट्य संस्थान खोलने की मंजूरी और मोतिहारी जलापूर्ति परियोजना के लिए 187 करोड़ रुपए का प्रावधान शामिल है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ये फैसले चुनाव से पहले सरकार का एक तरह से चुनावी बजट का ट्रायल हैं, जिनसे युवा, महिलाएं और पिछड़े वर्ग प्रभावित होंगे।
इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की। इसमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और अन्य मंत्री भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने बताया कि इन फैसलों से राज्य के विकास को रफ्तार मिलेगी। महंगाई भत्ता बढ़ने से 5 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा, वहीं छात्रवृत्ति योजना से ग्रामीण शिक्षा को मजबूती मिलेगी।
सरकार ने महंगाई भत्ता 55 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत करने का फैसला लिया है, जो जुलाई से लागू होगा। इससे कर्मचारियों की सैलरी में हर महीने औसतन 3 से 4 हजार रुपए का इजाफा होगा। यह कदम केंद्र सरकार की DA बढ़ोतरी के अनुरूप है। हालांकि विपक्ष ने इस फैसले को चुनावी रिश्वत बताते हुए सरकार पर निशाना साधा है।
कैबिनेट बैठक में लिए गए दूसरे बड़े फैसले
इसके अलावा पटना जिले के मोकामा में सांस्कृतिक, धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट की बैठक में यह तय किया गया कि पथ निर्माण विभाग की लगभग 10 एकड़ 11 डिसमिल जमीन पर्यटन विभाग को मुफ्त में ट्रांसफर की जाएगी। इससे इस इलाके में पर्यटन से जुड़े कामों को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
इसी बैठक में बिहार महादलित विकास मिशन से जुड़े फैसले भी लिए गए। दलित बस्तियों में काम कर रहे विकास मित्रों को अब टैबलेट खरीदने के लिए 25 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। पूरे राज्य में ऐसे 9,817 विकास मित्र हैं, जिनके लिए 24 करोड़ 54 लाख रुपये से अधिक का बजट पास किया गया है।
सरकार ने न्यायालय व्यवस्था को भी मजबूती देने का फैसला किया है। इसके लिए तीन नए पदों—एक निबंधक, एक जिला न्यायाधीश निबंधक और एक असैनिक न्यायाधीश—की स्वीकृति दी गई है।
विकास मित्रों के लिए भत्तों में भी बढ़ोतरी की गई है। पहले उन्हें परिवहन और स्टेशनरी के लिए 900 रुपये मिलते थे, जिसे अब बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दिया गया है। यह नई दर 1 सितंबर 2025 से लागू होगी। आने वाले सात महीनों के लिए इसके लिए 27 करोड़ 48 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
कुल मिलाकर, विकास मित्रों से जुड़ी योजनाओं और सुविधाओं पर सरकार ने इस बार करीब 52 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दी है।