EC vs Rahul Gandhi: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोपों पर रविवार (17 अगस्त) को बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सात दिन में आरोप लगाने वालों को हलफनामा देना होगा या देश से माफी मांगनी पड़ेगी। बाकी कोई भी तीसरा विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में 22 लाख मृत मतदाता पिछले छह महीनों में नहीं, बल्कि पिछले कई साल में मरे हैं। हालांकि इसे रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से सात दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल करने या अपने आरोपों के लिए देश से माफी मांगने को भी कहा है।
चुनाव आयोग को लेकर राहुल गांधी के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, "या तो हलफनामा देना होगा या देश से माफी मांगनी होगी। कोई तीसरा विकल्प नहीं है। अगर 7 दिनों के अंदर हलफनामा नहीं मिलता है तो इसका मतलब है कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं।"
भारतीय चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "क्या ज्ञानेश गुप्ता (मुख्य चुनाव आयुक्त) ने उन 1 लाख वोटर्स के बारे में कोई जवाब दिया जिन्हें हमने महादेवपुरा में बेनकाब किया था। हमने उम्मीद की थी कि आज ज्ञानेश कुमार गुप्ता हमारे सवालों के जवाब देंगे।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए 'वोट चोरी' के आरोपों और बिहार में जारी वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर विपक्षी दलों के लगातार विरोध के बीच चुनाव आयोग (ECI) ने रविवार (17 अगस्त) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के अलावा किसी अन्य मुद्दे पर निर्वाचन आयोग द्वारा औपचारिक तौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाना अपने आप में एक असामान्य बात है। इस दौरान चुनाव आयोग ने विपक्ष नेताओं के सभी आरोपों का जवाब दिया।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का उद्देश्य मतदाता सूचियों में सभी त्रुटियों को दूर करना है। यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल इसके बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं।
निर्वाचन आयोग का यह बयान ऐसे समय आया है, जब कांग्रेस और 'इंडिया' गठबंधन में शामिल अन्य दलों ने कथित 'वोट-चोरी' के खिलाफ चुनावी राज्य बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' शुरू की। मुख्य चुनाव आयुक्त ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए दोहरे मतदान और 'वोट चोरी' के आरोपों को निराधार करार दिया।
उन्होंने कहा कि सभी हितधारक पारदर्शी तरीके से एसआईआर को सफल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल और उनके नेता बिहार में एसआईआर के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं। निर्वाचन आयोग सभी राजनीतिक दलों से बिहार में मसौदा मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज करने का आग्रह करता है... अभी 15 दिन बाकी हैं।"
कुमार ने कहा, "निर्वाचन आयोग के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं तथा बूथ स्तर के अधिकारी और एजेंट पारदर्शी तरीके से मिलकर काम कर रहे हैं।" कुमार ने कहा कि निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव नहीं कर सकता तथा सत्तारूढ़ और विपक्षी दल, दोनों ही चुनाव प्राधिकार के लिए समान हैं।
उन्होंने कहा, "अगर चुनाव याचिकाएं 45 दिन के भीतर दायर नहीं की जातीं, लेकिन वोट चोरी के आरोप लगाए जाते हैं, तो यह भारतीय संविधान का अपमान है।" कुमार ने कहा कि न तो आयोग और न ही मतदाता दोहरे मतदान और 'वोट चोरी' के निराधार आरोपों से डरते हैं।
उन्होंने कहा कि आयोग कुछ लोगों द्वारा खेली जा रही राजनीति की परवाह किए बिना सभी वर्गों के मतदाताओं के प्रति दृढ़ रहेगा। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन और कांग्रेस द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोपों के बाद अपना हमला तेज कर दिया है।