चुनाव आयोग ने वोट डालने वालों की सुविधा के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब मतदाता अपने मोबाइल फोन मतदान केंद्र पर जमा कर सकेंगे ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। इसके साथ ही आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को भी एक राहत दी है। अब वे मतदान केंद्र के गेट से 100 मीटर की दूरी पर अनौपचारिक मतदाता पहचान पर्चियां (स्लिप) बांटने के लिए अपना बूथ लगा सकते हैं। इससे पहले यह दूरी 200 मीटर तय थी। इस बदलाव का उद्देश्य ये है कि ज्यादा से ज्यादा लोग बिना किसी झंझट के वोट डाल सकें।
बता दें कि इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होना है और चुनाव आयोग के ये बदलाव बिहार में सबसे पहले लागू किए जाएंगे। चुनाव आयोग ने बताया है कि मतदान से जुड़े दो अहम सुधार सबसे पहले बिहार में लागू किए जाएंगे। आयोग ने कहा कि शहरों और गांवों में मोबाइल फोन के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए और खासतौर पर मतदान के दिन बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगों को होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है कि मतदान केंद्र के पास मोबाइल फोन जमा करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में ही मोबाइल फोन लाने की अनुमति होगी, वह भी स्विच ऑफ यानी बंद हालत में ही।
मतदान केंद्र पर जमा कर सकेंगे मोबाइल
चुनाव आयोग ने बताया है कि मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार के पास एक साधारण 'पिजनहोल बॉक्स' या 'जूट बैग' उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें मतदाता अपने मोबाइल फोन जमा कर सकेंगे। मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाना सख्त तौर पर मना होगा। हालांकि, कुछ खास हालात में स्थानीय मतदान अधिकारी इस नियम से कुछ केंद्रों को छूट दे सकते हैं।
इसके साथ ही, आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अब मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार से 100 मीटर के भीतर मतदाता पहचान पर्चियां बांटने के लिए बूथ लगाने की अनुमति दे दी है। पहले यह दूरी 200 मीटर थी। हालांकि, मतदान के दिन इस 100 मीटर की सीमा के भीतर किसी भी तरह का चुनाव प्रचार करना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।