Prashant Kishor: 'SIR किया तो मेरा नाम क्यों नहीं कटा...', दो राज्यों की वोटर लिस्ट में नाम होने पर प्रशांत किशोर ने ECI पर उठाए सवाल

Jansuraj Prashant Kishor: प्रशांत किशोर पर आरोप है कि बिहार की मतदाता सूची के अलावा उनका नाम पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में भी दर्ज है, जो कानूनी रूप से नियमों का उल्लंघन है। निर्वाची पदाधिकारी करगहर ने पीके से इस पर जवाब मांगा था

अपडेटेड Oct 28, 2025 पर 10:22 PM
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पीके ने कहा, 'अगर दो जगह वोटर लिस्ट में मेरा नाम है, तो चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि बिहार में SIR लाने पर मेरा नाम क्यों नहीं कटा?

Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में प्रशांत किशोर और उनकी जन सुराज पार्टी लगातार सुर्खियों में हैं। प्रशांत किशोर अपने विरोधियों खासकर बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर लगातार हमलावर हैं, वहीं अब वह खुद एक विवाद में घिर गए हैं। प्रशांत किशोर पर दो राज्यों की वोटर लिस्ट में नाम रखने का आरोप लगा है, जिस पर निर्वाची पदाधिकारी (करगहर) ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग पर दागा सवाल

प्रशांत किशोर ने दोहरी मतदाता सूची में नाम होने के आरोपों पर सफाई देने के बजाय, पलटवार करते हुए सीधे चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठा दिया। पीके ने कहा, 'अगर दो जगह वोटर लिस्ट में मेरा नाम है, तो चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि बिहार में SIR लाने पर मेरा नाम क्यों नहीं कटा?' उन्होंने दावा किया कि उनका नाम 2019 से बिहार की करगहर विधानसभा में दर्ज है। बीच में वह सिर्फ 2 साल के लिए बंगाल गए थे, जिस दौरान वह वहां के वोटर बन गए थे।

प्रशांत किशोर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि चुनाव आयोग उन्हें नोटिस क्यों भेज रहा है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, 'अगर मेरी गलती है तो चुनाव आयोग मुझे अरेस्ट कर लें।' यहां आपको बता दें कि मतदाता सूची के इस नियम का उल्लंघन करने पर एक साल की सजा, जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है।


क्या है पूरा मामला?

प्रशांत किशोर पर आरोप है कि बिहार की मतदाता सूची के अलावा उनका नाम पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में भी दर्ज है, जो कानूनी रूप से नियमों का उल्लंघन है। पश्चिम बंगाल में उनका नाम भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र के संत हेलेन स्कूल में क्रम संख्या 621 में दर्ज है। वहीं बिहार के करगहर में उनका मतदाता पहचान पत्र संख्या IUI3123718 है। निर्वाची पदाधिकारी करगहर ने प्रशांत किशोर से इस पर जवाब मांगा था और उन्हें 3 दिनों के भीतर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया था।

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद चुनाव आयोग का अगला कदम क्या होगा और क्या वह समय रहते किसी एक राज्य की सूची से अपना नाम हटवाते हैं या नहीं।

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