Land For Jobs Scam Case: बिहार में इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार को बड़ा झटका लगा है। नौकरी के बदले जमीन मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों को 13 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। अदालत 13 अक्टूबर को इस मामले में आरोप तय करने पर अपना फैसला सुनाएगी। इसलिए अदालत ने सभी आरोपियों को उस दिन व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई को इस मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जबकि इससे पहले 29 मई को हाई कोर्ट को कार्यवाही पर रोक लगाने का कोई ठोस कारण नहीं मिला था। यह मामला भारतीय रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र (जिसका मुख्यालय मध्य प्रदेश के जबलपुर में है) में ग्रुप डी की नियुक्तियों से संबंधित है। यह भर्तियां 2004 से 2009 के बीच लालू यादव के रेल मंत्री के रूप में कार्यरत रहने के दौरान की गई थीं।
ये नियुक्तियां कथित तौर पर नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों की ओर से RJD प्रमुख के परिवार या सहयोगियों के नाम पर ट्रांसफर की गई या उन्हें उपहार में दी गई जमीन के बदले में की गई थीं। यादव और उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों सहित अन्य के खिलाफ 18 मई, 2022 को मामला दर्ज किया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सक्षम अदालत के समक्ष क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के बाद सीबीआई की प्रारंभिक पूछताछ और जांच बंद होने के लगभग 14 साल की देरी के बाद 2022 में FIR दर्ज की गई थी। ताजा मामला लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए दो IRCTC होटलों के रखरखाव का ठेका एक फर्म को देने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है।
सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव, राबड़ी और तेजस्वी पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। हालांकि, तीनों ने तर्क दिया है कि केंद्रीय जांच एजेंसी के पास मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। जांच एजेंसी ने आईआरसीटीसी के दो होटलों के संचालन के ठेके एक निजी कंपनी सुजाता होटल्स को देने में अनियमितताओं का आरोप लगाया था।