महनार विधानसभा सीट का इतिहास, समीकरण, क्या रमा किशोर सिंह परिवार का दबदबा रहेगा कायम? जानें सबकुछ!
Bihar Election 2025: राजनीतिक तौर पर देखें तो महनार का इतिहास कभी कांग्रेस, कभी जनता दल, और अब RJD-JDU जैसे बड़े दलों के बीच कड़े संघर्ष का गवाह रहा है। महनार में कई बार महागठबंधन (राजद-समर्थित) और NDA (JDU-BJP गठबंधन) के बीच कांटे की टक्कर हुई है। यही कारण है कि यह सीट हर विधानसभा चुनाव में सुर्खियों में रहती है और यहां का नतीजा अक्सर बड़े राजनीतिक संदेश देता है
महनार विधानसभा सीट का इतिहास, समीकरण, क्या रमा किशोर सिंह परिवार का दबदबा रहेगा कायम?
वैशाली जिले की महनार विधानसभा सीट (क्षेत्र संख्या 129) बिहार की राजनीति का एक अहम केंद्र रही है। यह सीट हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है और जनरल कैटेगरी की है, यानी यह सीट अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित नहीं है। महनार का चुनावी मैदान हमेशा से ही हाई-प्रोफाइल रहा है, क्योंकि यह सीट न सिर्फ़ वैशाली ज़िले बल्कि पूरे मगध और उत्तर बिहार की राजनीति में असर डालती है।
राजनीतिक तौर पर देखें तो महनार का इतिहास कभी कांग्रेस, कभी जनता दल, और अब RJD-JDU जैसे बड़े दलों के बीच कड़े संघर्ष का गवाह रहा है। महनार में कई बार महागठबंधन (राजद-समर्थित) और NDA (JDU-BJP गठबंधन) के बीच कांटे की टक्कर हुई है। यही कारण है कि यह सीट हर विधानसभा चुनाव में सुर्खियों में रहती है और यहां का नतीजा अक्सर बड़े राजनीतिक संदेश देता है।
पिछले चुनावों की कहानी
2015 में महनार विधानसभा सीट JDU के पूर्व विधायक उमेश सिंह कुशवाहा के कब्जे में आई थी, जब उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की थी। लेकिन 2020 का हाल कुछ अलग था। उस बार RJD की वीणा सिंह ने उमेश सिंह कुशवाहा को पछाड़ते हुए 61,721 वोट हासिल किए, जबकि कुशवाहा को 53,774 वोट मिले, यानि वीणा सिंह ने करीब 7,947 वोटों से जीत दर्ज की। वहीं LJP के रविंद्र कुमार सिंह ने भी निर्णायक भूमिका निभाई और NDA के वोट बैंक में सेंध लगाई, उन्हें मिले थे 31,315 वोट। मतदान प्रतिशत भी अच्छी रही थी, लगभग 54.43% वोटर्स ने हिस्सा लिया था।
महनार सीट का सियासी समीकरण
यहां का चुनावी समीकरण पूरी तरह जातीय संतुलन पर आधारित रहता है। विधानसभा क्षेत्र में करीब 21.5% मतदाता अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से आते हैं। वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 6.4% है। इसके अलावा यादव समुदाय की हिस्सेदारी करीब 14.3% और कुशवाहा समुदाय की लगभग 4.2% है।
इन्हीं समीकरणों के आधार पर राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाते हैं। राजद (RJD) का फोकस यादव–मुस्लिम वोट बैंक पर रहता है, जबकि जेडीयू और बीजेपी सवर्णों और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) मतदाताओं को साधने की कोशिश करती हैं। यही वजह है कि हर चुनाव में महनार सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है।
महनार विधानसभा क्षेत्र में क्या है वोटरों का गणित?
महनार विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ती रही है। साल 2020 के चुनाव में कुल 3,03,945 मतदाता दर्ज थे, जिनमें 1,63,122 पुरुष और 1,40,808 महिलाएं शामिल थीं। इसके अलावा 15 मतदाता तीसरे लिंग से थे।
वहीं, 2015 में मतदाताओं की कुल संख्या 2,72,958 थी, जिसमें 1,47,506 पुरुष, 1,25,436 महिलाएं और 16 तीसरे लिंग के मतदाता शामिल थे।
महनार विधानसभा सीट के पिछले विजेता
* 2020 : बीना सिंह - RJD
* 2015 : उमेश सिंह कुशवाहा - JDU
* 2010 : डॉ. अच्युतानंद - BJP
* 2005 (अक्टूबर) : रमा किशोर सिंह - लोक जनता पार्टी
* 2005 (फरवरी) : रमा किशोर सिंह - लोक जनता पार्टी
* 2000 : रमा किशोर सिंह - जनता दल
* 1995 : मुंशी लाल राय - जनता दल
* 1990 : मुनेश्वर प्रसाद सिंह - सोशलिस्ट पार्टी-लोहिया
* 1985 : मुंशी लाल राय लोकदल
* 1980 : मुंशी लाल राय - जनता पार्टी
* 1977 : मुनेश्वर प्रसाद सिंह - जनता पार्टी
* 1972 : मुनेश्वर प्रसाद सिंह - समाजवादी पार्टी
* 1969 : मुनेश्वर प्रसाद सिंह - संयुक्त समाजवादी पार्टी
* 1967 : मुनेश्वर प्रसाद सिंह - संयुक्त समाजवादी पार्टी
* 1962 : मुनेश्वर प्रसाद सिंह - प्रजा समाजवादी पार्टी
* 1957 : बनारसी देवी - कांग्रेस
* 1952 : दीप नारायण सिंह - कांग्रेस
महनार सीट पर जीत दर्ज करने वाले नेताओं की पार्टी समय-समय पर बदलती रही है। कांग्रेस, समाजवादी पंथी दलों, जनता दल समूह, BJP, LJP और RJD, सभी ने यहां पर अपना दबदबा स्थापित किया है। दिलचस्प बात यह है कि दो नेताओं ने इस सीट को बार-बार अपने नाम किया है। मुनेश्वर प्रसाद सिंह और रमा किशोर सिंह ने अलग-अलग दलों से चुनाव जीतकर अपनी राजनीतिक पैठ और लोकप्रियता का सबूत दिया है। यही वजह रही कि महनार विधानसभा हमेशा सुर्खियों में रही।
साल 2000 के बाद से इस सीट पर RJD,JDU,BJP के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है। वहीं, मौजूदा विधायक बीना सिंह (RJD) भी इसी परंपरा से जुड़ी हैं। बीना सिंह, पूर्व सांसद और महनार से कई बार विधायक रहे रमा किशोर सिंह की पत्नी हैं। उनके चुनाव जीतने से यह साफ हो गया कि महनार सीट पर रमा किशोर सिंह का राजनीतिक प्रभाव आज भी बरकरार है और परिवार की पकड़ कमजोर नहीं हुई है।