Mahua Assembly Seat: वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट बिहार की राजनीति में हमेशा सुर्खियों में रही है। इसका क्षेत्र संख्या 126 है। हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली यह जनरल सीट है, यानी यह सीट अनुसूचित जाति (SC) या जनजाति (ST) के लिए आरक्षित नहीं है। यहां से कई दिग्गज नेताओं ने अपनी सियासत की शुरुआत की है। कभी कांग्रेस, कभी जनता दल और अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD), महुआ का इतिहास लगातार बदलते समीकरणों का गवाह रहा है।
पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में RJD ने यहां शानदार प्रदर्शन किया था। पार्टी के प्रत्याशी मुकेश कुमार रौशन ने JDU उम्मीदवार आश्मा परवीन को 13,687 वोटों से हराया। रौशन को 36.48% वोट मिले, जबकि आश्मा परवीन को 28.47% वोटों से संतोष करना पड़ा। तीसरे नंबर पर रही लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को करीब 14.65% वोट मिले थे। इस नतीजे ने साफ कर दिया कि महुआ सीट पर यादव–मुस्लिम समीकरण RJD के पक्ष में मजबूती से खड़ा है।
महुआ विधानसभा में तेजप्रताप की एंट्री
महुआ विधानसभा का 2015 चुनाव खास माना जाता है, क्योंकि यहीं से RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। उस वक्त उन्होंने हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM) के उम्मीदवार रवींद्र राय को 28,155 वोटों से हराया था। तेजप्रताप को 43.34% वोट मिले थे और वे नीतीश–लालू गठबंधन के सरकार में मंत्री भी बने थे।
वहीं, 2010 में JDU के रवींद्र राय ने RJD प्रत्याशी जगेश्वर राय को 21,925 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी। उससे पहले 2005 और 2000 में RJD ने इस सीट पर कब्जा जमाया। 1980 और 1985 में दासई चौधरी ने पहले जनता पार्टी और बाद में लोकदल के टिकट पर लगातार जीत हासिल की थी। 1977 में जनता पार्टी और 1962 तथा 1957 में कांग्रेस के उम्मीदवार यहां से विजयी रहे थे।
महुआ विधानसभा क्षेत्र के पिछले विजेताओं की लिस्ट
2020 के चुनाव में महुआ विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,77,026 पंजीकृत मतदाता थे। इनमें 1,48,385 पुरुष, 1,28,256 महिलाएं और 4 तीसरे लिंग के मतदाता शामिल थे। मतदान प्रतिशत लगभग 60% रहा, जो राज्य औसत से थोड़ा बेहतर था। वहीं 2015 में मतदाताओं की संख्या करीब 2.53 लाख थी।
महुआ सीट का सियासी समीकरण
2024 लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सीट पर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने शानदार जीत दर्ज की थी। उन्होंने RJD उम्मीदवार शिवचंद्र राम को क़रीब 1.70 लाख वोटों से हराया था। यह जीत चिराग पासवान की लोकप्रियता को पूरे राज्य में बढ़ा दिया, और इसका असर महुआ विधानसभा क्षेत्र में भी देखने को मिल सकता है।
महुआ विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में मुस्लिम और यादव समुदाय की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है। यहां की कुल आबादी में इन दोनों समुदायों की हिस्सेदारी लगभग 35% से भी ज्यादा है। यही वजह है कि इन्हें RJD का सबसे मजबूत और स्थायी वोट बैंक माना जाता है।