केंद्रीय फूड प्रोसेसिंग मंत्री चिराग पासवान ने बड़े ही खुले शब्दों में कहा कि उनका दिल्ली में मन नहीं लगता है, क्योंकि बिहार में मुझे बुला रहा है। चिराग पासवान कई मौकों पर अपनी ये इच्छा जाहिर कर चुके हैं और इस बार उन्होंने नेटवर्क 18 के पॉवरिंग भारत समिट 2025 में भी अपने दिल की बात कह डाली। उन्होंने कहा कि मैं बिहार के लिए ही राजनीतिक में आया है। चिराग का बार-बार ये कहना कि "बिहार मुझे बुला रहा है", इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इस साल के आखिर में राज्य में विधानसभा चुनाव भी होने हैं।
समिट में चिराग पासवान ने कहा कि वह यह देखना चाहते थे कि बिहार से दूसरे राज्यों में पलायन को कैसे कम किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर मुझे बिहार के लिए काम करना है, तो मुझे बिहार में रहकर काम करना होगा। इसलिए अब वह बिहार में रिवर्स माइग्रेशन चाहते हैं।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने अपने राजनीतिक सफर पर खुलकर बात करते हुए बिहार के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता को साफ किया, साथ ही मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा के बारे में अटकलों को भी खारिज किया।
पासवान ने कहा, "मैं बिहार के लिए राजनीति में आया हूं।" उन्होंने राज्य से पलायन के दशकों पुरानी ट्रेंड को उलटने के अपने दृष्टिकोण पर जोर दिया। विकास पर अपना फोकस करते हुए उन्होंने कहा, "मेरी बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट है।" उन्होंने कहा कि उनका दिल दिल्ली में रहता है, लेकिन उनका उद्देश्य बिहार से पूरी तरह जुड़ा हुआ है।"
मुख्यमंत्री बनने की लालसा पर क्या बोले चिराग?
मुख्यमंत्री पद की लालसा के बारे में बात करते हुए पासवान ने कहा, "मेरा पेट भरा हुआ है, मुझे कोई लालच नहीं है।"
चिराग पासवान से जब पूछा गया कि क्या वह बिहार के अगले सीएम होंगे? तो मंत्री ने कहा, "मुझे बिहार का सीएम बनने की कोई इच्छा नहीं है... अगर मैं गठबंधन में रहता तो 2020 में बिहार का सीएम बन सकता था। मैं व्यक्तिगत आकांक्षाओं से ज्यादा नीतियों को प्राथमिकता देता हूं।"
बिहार चुनाव में जाति एक मुद्दा?
क्या बिहार में होने वाले चुनावों में जाति एक मुद्दा है? इस सवाल पर चिराह ने कहा कि ये दुख की बात है, लेकिन हाँ, मगर मैं जाति आधारित राजनीति के खिलाफ हूं।
उन्होंने कहा, "मैं जाति जनगणना का समर्थन करता हूं, क्योंकि हमारा समाज आज भी जाति के आधार पर बंटा हुआ है और इससे समाज में भेदभाव का माहौल बनता है। आज भी दलितों को उनकी जाति के कारण घोड़े पर चढ़ने की अनुमति नहीं है।"
इसके अलावा मंत्री चिराग पासवान ने सामाजिक न्याय में महत्वपूर्ण योगदान का हवाला देते हुए इच्छा जताई कि उनके पिता को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने बिहार की राजनीति में सकारात्मक पीढ़ीगत बदलाव के बारे में भी बात की, जिसमें युवा नेता राज्य में नए विचार लेकर आ रहे हैं।