Prashant Kishor Press Conference: 'सारी गलती मेरी है...', हार के बाद PK का कबूलनामा; प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार को दे दिया बड़ा चैलेंज

Prashant Kishor Press Conference: प्रशांत किशोर ने अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा, 'सबकी आशाओं और सपनों पर खड़ा नहीं उतरने का सारा दोष मेरा है। मैं आप सबों से माफी मांगता हूं।' इस हार के प्रायश्चित के तौर पर उन्होंने घोषणा की कि वह आज से दो दिन बाद भीतहरवा आश्रम में एक दिन का मौन उपवास रखेंगे

अपडेटेड Nov 18, 2025 पर 12:42 PM
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जन सुराज पार्टी ने बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 238 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से 233 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई

Prashant Kishor PC: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मिली हार के 4 दिन बाद जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर न सिर्फ अपनी हार स्वीकार की, बल्कि NDA सरकार पर चुनाव जीतने के लिए ₹29,000 करोड़ तक बांटने का गंभीर आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने एक नई शर्त रखी है। अगर सरकार ने 6 महीने के भीतर 1.5 करोड़ महिलाओं को ₹2-2 लाख देने का अपना वादा पूरा नहीं किया, तो वह राजनीति छोड़ देंगे।

'सारी गलती मेरी है...', PK का हार का कबूलनामा


प्रशांत किशोर ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में माना कि जन सुराज का ईमानदारी भरा प्रयास सफल नहीं हो सका। PK ने कहा, 'बिहार चुनाव में जन सुराज की हार की शत प्रतिशत जिम्मेदारी मैं खुद पर लेता हूं।' उन्होंने स्वीकार किया कि वह 'व्यवस्था परिवर्तन' तो दूर, 'सत्ता परिवर्तन' भी नहीं करा सके। इस असफलता के लिए माफी मांगते हुए उन्होंने घोषणा की कि वह दो दिन बाद भीतहरवा आश्रम में एक दिन का मौन उपवास रखेंगे, जिसे उन्होंने 'प्रायश्चित' बताया। उन्होंने कहा, 'गलती हम लोगों से हुई होगी लेकिन हम लोगों ने कोई गुनाह नहीं किया।'

'मैं आप सबों से माफी मांगता हूं...'

प्रशांत किशोर ने अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा, 'सबकी आशाओं और सपनों पर खड़ा नहीं उतरने का सारा दोष मेरा है। मैं आप सबों से माफी मांगता हूं।' इस हार के प्रायश्चित के तौर पर उन्होंने घोषणा की कि वह आज से दो दिन बाद भीतहरवा आश्रम में एक दिन का मौन उपवास रखेंगे, क्योंकि उनसे 'गलती हुई होगी, लेकिन हम लोगों ने कोई गुनाह नहीं किया।'

जाति-धर्म की राजनीति पर बोला हमला

प्रशांत किशोर ने दावा किया कि उन्होंने जातियों को अलग करने का गुनाह नहीं किया और हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि जो लोग इन सबका सहारा लेकर जीते हैं, उन्हें आज नहीं तो कल इसका हिसाब देना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ लोग सोचते हैं कि वह बिहार छोड़ देंगे, लेकिन यह उनकी गलतफहमी है। उन्होंने संकल्प लिया, 'जन सुराज और पीके की जिद्द है बिहार को सुधारने की, और मैं इसे सुधार कर ही रहूंगा। मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं।'

NDA पर लगाया ₹29,000 करोड़ बांटने का गंभीर आरोप

प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि NDA की जीत ₹40,000 करोड़ खर्च करने के सरकारी वादे के कारण हुई। उन्होंने दावा किया कि 29,000 करोड़ रुपये के करीब बांटे गए। हर विधानसभा क्षेत्र में 60 से 62 हज़ार लोगों को ₹10,000 रुपये दिए गए। पूरा सरकारी तंत्र (जीविका दीदी, आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ता) यह बताने में लगाया गया कि आगे ₹2 लाख की सहायता मिलेगी। आशा, ममता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सैलरी बढ़ाई गई, जिस पर लगभग ₹10,000 करोड़ खर्च हुए।

₹2 लाख का वादा या राजनीति से संन्यास: PK की अंतिम चुनौती

प्रशांत किशोर ने अब सीधे नीतीश कुमार को चुनौती दी है कि वह अपना वादा पूरा करें, अन्यथा उन्हें राजनीतिक झूठ के लिए जवाब देना होगा। उन्होंने कहा, 'आपने जो 2 लाख देने का वादा किया है, उन 1.5 करोड़ महिलाओं को अब 6 महीने में 2-2 लाख रुपये दीजिए।' PK ने चुनौती दी, 'अगर नीतीश कुमार 1.5 करोड़ लोगों को 2-2 लाख रुपये दे दें... तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। अगर बिहार से इसके बाद पलायन रुक जाएगा, तो भी मैं राजनीति छोड़ दूंगा।'

उन्होंने एक नंबर (9121691216) जारी किया और लोगों से अपील की कि वे महिलाएं जिन्हें ₹2 लाख नहीं मिलते हैं, उनसे इस नंबर पर संपर्क करें। PK ने कहा कि अब नीतीश कुमार की जिम्मेदारी है। अगर लोगों को ₹2-2 लाख नहीं मिले तो वे सरकारी दफ्तरों से लेकर नीतीश कुमार तक जाएंगे। उन्होंने सहारा स्कैम का उदाहरण देते हुए चेतावनी दी कि जो सरकारी अफसर और जीविका दीदी इस सौदे में शामिल थे, लोग उन्हें ढूंढेंगे।

जन सुराज के 98% प्रत्याशियों की हुई थी जमानत जब्त

जन सुराज पार्टी ने बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 238 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से 233 उम्मीदवारों (यानी 98%) की जमानत जब्त हो गई। पार्टी को पूरे बिहार चुनाव में लगभग 2 प्रतिशत मत मिला। जन सुराज की तुलना में असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM पार्टी ने 28 सीटों पर चुनाव लड़कर 5 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि मायावती की बसपा ने भी 1 सीट जीती।

प्रशांत किशोर स्वयं बिहार के रोहतास जिले से आते हैं, जहां विधानसभा की सातों सीटों पर भी उनकी पार्टी अपनी जमानत नहीं बचा पाई। उनके अपने विधानसभा क्षेत्र करगहर में पार्टी को 7.42 प्रतिशत मत मिले, लेकिन यहां भी जमानत जब्त हो गई।

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