पूर्वोत्तर दिल्ली में घनी आबादी वाला मुस्तफाबाद एक दंगा प्रभावित विधानसभा क्षेत्र है। ये इलाका 2025 के विधानसभा चुनावों की सबसे अनोखी चुनावी लड़ाई में से एक का गवाह बनने जा रहा है। राजधानी के ज्यादातर हिस्सों में आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सीधी दो-तरफा लड़ाई है, लेकिन मुस्तफाबाद इस सब में अलग खड़ा है। ये एक ऐसा चुनावी क्षेत्र है, जिसमें एक अनुभवी उम्मीदवार, एक नया उम्मीदावर, एक राजनीतिक वंशज और एक विवादों से घिरा विचाराधीन कैदी चुनावी ताल ठोक रहा है।
मुस्तफाबाद में BJP ने पास के करावल नगर से मौजूदा विधायक मोहन सिंह बिष्ट को मैदान में उतारा है। AAP ने पत्रकार से नेता बने आदिल अहमद खान को अपना उम्मीदवार बनाया, जो अन्ना हजारे आंदोलन के बाद से पार्टी के साथ हैं। कांग्रेस ने पूर्व विधायक मेहदी के बेटे हसन मेहदी को टिकट दिया है। इन सब के अलावा ओवैसी की AIMIM ने ताहिर हुसैन को मैदान में उतारा है, जो 2020 के दंगों में अपनी कथिक भूमिका के लिए जेल में हैं।
मुस्ताफाबाद सीट पर कितने वोटर हैं?
मुस्ताफाबाद, दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में आता है और लोकसभा सीट नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लगती है। चांद बाग की पुलिया, बृज पूरी, शिव बिहार, महालक्षी एनक्लेव, झिलमिल, गाजीपुर, गाजीपुर गांव, विजय विहार, कमल बिहार, अंबिका बिहार, देव नगर, हरिजन बस्ती, प्रेम नगर, रमा गार्डन, करावल नगर एक्टेंशन, पुरानी मुस्तफाबाद, मूंगा नगर सादतपुर गांव, दयालपुर गांव और करावल नगर का भी कुछ हिस्सा मुस्ताफाबाद में आता है।
मुस्ताफाबाद सीट पर क्या हैं समीकरण?
ऐसा माना जा रहा है कि मुस्ताफाबाद में त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिल सकती है। मुस्लिमों का वोट बंटने की सूरत में BJP को फायदा हो सकता है। इसके कई मुख्य कारण हैं, जैसे-
मौजूदा विधायक से नाराजगी को देखते हुए AAP ने अपने विधायक का टिकट काट संगठन देखने वाले आदिल अहमद खान को टिकट दिया। घनी आबादी वाली इस विधानसभा सीट पर करीब एक लाख मुस्लिम वोटर हैं, जो हमेशा उसी को वोट करते हैं, जो पार्टी बीजेपी को हराए।
दिल्ली दंगों के बाद मुस्लिमों में AAP को लेकर बेहद नाराजगी हैं। इसका असर ऐसा हुआ कि MCD चुनाव में यहां के मुस्लिम बहुल वाले दोनों वार्ड- मुस्ताफाबाद और बृज पुरी, कांग्रेस जीती।
2015 विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस का खाता नहीं खुला, तब भी उस समय कांग्रेस 5,000 के छोटे अंतर से हारी थी। हालांकि, कांग्रेस की पकड़ अभी यहां मजबूत है, लेकिन 2020 में पूरा वोट AAP को शिफ्ट होने के कारण पहली बार AAP पार्टी जीती थी।
बीजेपी यहां हिंदू बहुल तीनों वार्ड बड़े मार्जिन से जीती थी। करावल नगर के भी कुछ हिस्से इस विधानसभा में आते, जहां बीजेपी को अच्छे वोट मिलते हैं।
सबसे बड़ा खेल इस सीट पर AIMIM ने कर दिया, जिसने यहां से AAP के पूर्व पार्षद और दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन को टिकट दिया। AIMIM MCD चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन कर चुकी है।
इसलिए अगर मुस्लिम वोट कांग्रेस, AIMIM और AAP के बीच में बंटेंगे, तो बीजेपी को सीट पर सीधे तौर पर फायदा होगा, जो पिछली बार एकतरफा AAP को मिला था।
मुस्ताफाबाद विधानसभा सीट पर टूटी सड़कें और गंदे पानी की निकासी जैसे कई बड़े अहम मुद्दे हैं। एक मुद्दा साफ-सफाई और अतिक्रमण का भी है।