Smriti Irani: केंद्रीय मंत्री और एक्ट्रेस स्मृति ईरानी, जिन्हें भारतीय टेलीविजन में उनके योगदान के लिए जाना जाता है, ने 25 साल बाद अपने सबसे पसंदीदा किरदार तुलसी के रूप में जबरस्त वापसी की है। हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में, जहां 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2.0' चर्चा का विषय था, स्मृति ईरानी ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शो की खास सफलता के पीछे की वजहों पर अपनी राय साझा की।
अपने 25 साल पहले टेलीविजन पर प्रसारित हुए शो को याद करते हुए स्मृति ईरानी ने मीडिया और दर्शकों की बदलती उम्मीदों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, "जब हमने 25 साल पहले शुरुआत की थी, उस समय डिजिटल प्लेटफॉर्म या ऐसे क्रिएटिव कॉन्टेंट का कोई विकल्प नहीं था, जो सास-बहू शो के रूप में सामने आता। मुझे यह देखने में सबसे ज्यादा उत्सुकता थी कि यह OTT पर कैसा चलेगा। मैं इसके टेलीविजन पर प्रदर्शन के लिए मिली तारीफों के लिए आभारी हूं। हमारा मंथली व्यूअरशिप करीब 5 करोड़ है, हर रोज लगभग 1.5 करोड़ और वीकली लगभग 2 से 2.5 करोड़ है।"
स्मृति ईरानी ने बताया कि ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2.0’ और दूसरे डिजिटल शो में दर्शकों का जुड़ाव कितना अलग है। उन्होंने कहा, "OTT प्लेटफॉर्म पर ऐसे शो पर औसत समय लगभग 20 से 28 मिनट होता है, जबकि हमारे शो पर दर्शक हर हफ्ते 104 मिनट बिताते हैं। यह दिलचस्प है कि पुरानी शैली का यह शो, जो ज्यादातर युवा देखते हैं, उन्हें इतना पसंद आया।"
स्मृति ईरानी ने खासतौर पर बताया कि शो ने नए मुद्दों को शामिल करके बदलाव किया है। उन्होंने कहा, "2025 में इस ड्रामा में हमने नए और जरूरी विषय दिखाए हैं। हमने आज के मुद्दे जैसे बॉडी शेमिंग, उम्र बढ़ना और और चीज़ों को कहानी में दिखाया है। इससे यह मॉडर्न दर्शकों के लिए आसान और समझने लायक बन जाता है।"
‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2.0’ की चर्चा यह दिखाती है कि अच्छी कहानी समाज के आज के विचार और रिवाजों को दिखाने में कितनी असरदार होती है, और यह अलग-अलग उम्र के दर्शकों को भी जोड़ती है। जैसे-जैसे यह सीरीज सफल हो रही है, यह दिखाती है कि पुरानी बातें और नई सोच का मेल कैसे काम करता है, और यह साफ कर देती है कि दिलचस्प कहानी किसी प्लेटफॉर्म या समय तक सीमित नहीं रहती।