Sunjay Kapur’s Inheritance Battle: सोना कॉमस्टार के प्रमुख दिवंगत संजय कपूर की वसीयत को लेकर चल रही संपत्ति की लड़ाई ने एक नाटकीय मोड़ ले लिया है। दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहे इस मामले में प्रिया सचदेव कपूर ने फिर दोहराया है कि दिवंगत पति की वसीयत पूरी तरह असली है, और वसीयत में गलत शब्दों के इस्तेमाल का आरोप महज एक 'टायपो' (वर्तनी की गलती) है।
असली है वसीयत: प्रिया सचदेव
दिल्ली हाईकोर्ट में संजय कपूर के पूर्व-विवाहित बच्चों, समायरा और कियान कपूर द्वारा दायर संपत्ति के बंटवारें को लेकर मामले की सुनवाई के दौरान प्रिया कपूर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रिया नायर ने अपना पक्ष रखा। अधिवक्ता नायर ने इस लड़ाई को 'पत्नी बनाम पत्नी' का मुकाबला बताया और तर्क दिया कि 'स्वाभाविक रूप से वर्तमान पत्नी को अलग हो चुकी पत्नी से अधिक वरीयता दी जाएगी।'
वसीयत पर किसी भी तरह की चुनौती न होने की बात पर जोर देते हुए, नायर ने कहा कि इस मामले का मूल केंद्र 21 मार्च, 2025 की वसीयत है, जिसके तहत संजय कपूर की पूरी निजी संपत्ति प्रिया सचदेव कपूर के नाम की गई है। वकील नायर ने बच्चों के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्हें वसीयत की जानकारी देर से मिली। उन्होंने कहा कि वसीयत का खुलासा 30 जुलाई को किया गया था और बच्चों के पास दो मौके थे, लेकिन उन्होंने 9 सितंबर को दायर अपने मुकदमे में वसीयत को चुनौती नहीं दी।
समायरा और कियान कपूर ने प्रिया सचदेव की वसीयत को चुनौती देते हुए संजय कपूर की ₹30,000 करोड़ की संपत्ति में हिस्सा मांगा है। इस पर प्रिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि संजय कपूर ने बच्चों के लिए वसीयत में प्रावधान नहीं किया क्योंकि उन्होंने उनके लिए 'फैमिली ट्रस्ट' में पहले ही प्रावधान कर रखा था। प्रिया कपूर ने कोर्ट को यह भी बताया कि बच्चों को फैमिली ट्रस्ट से पहले ही ₹1,900 करोड़ मिल चुके हैं।