Vipul Shah Interview: 'फिल्में प्रोपेगेंडा हैं आप इसको साबित करिए', रियल स्टोरी पर बनी मूवीज पर कमेंट करने वालों को विपुल शाह की दो टूक

Vipul Shah Interview: विपुल शाह 2 दशक से भी ज्यादा समय से इंडियन सिनेमा से जुड़े हुए हैं। मनीकंट्रोल हिंदी से बात करते हुए उन्होंने बॉलीवुड फिल्म से दर्शकों का हटा मोह, फिल्मों को प्रोपेगेंडा लेकर कई चीजों पर दिल खोलकर बात की है।

अपडेटेड Dec 02, 2025 पर 9:05 PM
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'फिल्में प्रोपेगेंडा हैं कोई इसे साबित कर दें मैं देश से माफी मांगने को तैयार हूं'

Vipul Shah Interview: हिंदी सिनेमा में बीते कुछ समय से रियल स्टोरी पर बेस्ड कई फिल्में आ रही हैं। फिल्मों को दर्शक खूब प्यार भी दे रहे हैं। द केरला स्टोरी, बस्तर से लेकर फाइल्स तक इसका बेहतरीन उदाहरण है। 2025 में विपुल शाह की केरला स्टोरी को 2 नेशनल अवॉर्ड से भी नवाजा गया। लेकिन इसके इतर ऐसी फिल्मों के चलते बॉलीवुड दो भागों में बंट गया है। जहां कुछ लोग इन फिल्मों को बनाकर दबी हुई कहानियों, मिशन को लोगों के सामने ला रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरह कुछ लोगों का कहना है कि ऐसी फिल्मों को बनाना एक प्रोपेगेंडा और कुछ नहीं...

सवाल- आप 2 दशक से ज्यादा समय से बॉलीवुड से जुड़े हैं। तब के समय की फिल्मों और आज की कहानियों में क्या अंतर आपको मेहसूस होता है?

जवाब- विपुल ने इस सवाल का जवाब बड़ी ही संजीदगी से दिया। उन्होंने कहा कि पहले फिल्में पूरे देश के लिए बनती थी। आज के समय में कहानियां कुछ शहरों और इलाकों में समिटकर रह गई हैं। खास मेट्रो शहरों में अटककर रह गई हैं। जिस दिन फिर से फिल्में पूरे भारत के लिए बनने लगेंगी, बॉलीवुड का चार्म वापस आ जाएगा। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे इन चीजों पर गौर हो रहा है...हम फिर अच्छी कहानियों की तरफ लौट रहे हैं।


सवाल- देशभक्ति, रियल मिशनों और देश में होने वाली घटनाओं से प्रेरित फिल्म बनाने को प्रोपेगेंडा का टैग दिया जा रहा है, आपकी फिल्म को मिले 2 नेशनल अवॉर्ड को लेकर भी विवाद हुआ था, क्या आप इससे सहमत हैं?

जवाब- फिल्ममेकर ने इस सवाल पर बहुत खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही निंदनीय बात है कि देश में लोगों पर जुर्म होता है और लोग उसे प्रोपेगेंडा बता देते हैं। उन्होंने द केरला स्टोरी की बात करते हुए कहा कि जिसे भी मेरी फिल्म प्रोपेगेंडा लगती है, वह दर्शकों के सामने हमें गलत साबित करें सबूत के साथ। मैं पूरे देश के सामने माफी मागने को तैयार हूं। लेकिन अगर आप गलत हैं, तो आपको भी मांफी मांगनी चाहिए।

सवाल- 2020 के बाद से इंडियन सिनेमा में काफी बदलाव देखा गया है। साउथ से लेकर बॉलीवुड कहानियों में अल्फा मेन के नाम पर टॉक्सिटी को बढ़ा दिया जा रहा है, इसपर आप क्या कहेंगे?

जवाब-विपुल शाह ने कहा कि ऐसा मानना गलत है। एनिमल हो या पुष्पा हो...गिनी चुनी दो फिल्मों को देखकर ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि विलेन को हीरो साबित किया जा रहा है। हमारे सिनेमा ने नरसिम्हा भी दी है, केजीएफ भी दी है, कांतारा भी दी है। रही बात एनिमल और पुष्पा जैसी फिल्मों की तो, मेरा मानना है कि ऐसी मूवीज को भी बनना चाहिए, क्योंकि समाज में ऐसे लोग वास्तव में होते हैं।

आखिरी सवाल विपुल शाह से उनके आने वाले प्रोजेक्ट को लेकर पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि हमारे दो प्रोजेक्ट रिलीज के लिए तैयार हैं। हमने एक हफ्ते पहले ही शूटिंग खत्म की है। मैं बहुत एक्साइटेड हूं। इन दोनों प्रोजेक्ट में मनोज बाजपेयी, शेफाली शाह, जयदीप अहलावत, अभिषेक बनर्जी, अदा शर्मा जैसी टेलैंटेड स्टार कास्ट नजर आने वाली है।

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