Zubin Garg को पाकिस्तान में दी गई श्रद्धांजलि, रॉकबैंक ‘खुदगर्ज’ ने प्ले किया उनका गाना ‘या अली’

Zubin Garg भारतीय सिंगर जुबिन गर्ग को दुनिया से अलविदा कहे काफी समय बीत चुका है, लेकिन उनके फैंस अभी तक इस सदमे से उबर नहीं पाए हैं। उनके फैंस भारत में ही नहीं पाकिस्तान में भी हैं। कराची में एक रॉकबैंड ‘खुदगर्ज’ ने हाल ही में उनका गाना बजा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

अपडेटेड Oct 07, 2025 पर 7:58 PM
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इस वीडियो पर भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के फैंस ने एक सुर में लिखा, ‘कला के लिए कोई सरहदें नहीं’।

Zubin Garg असम म्यूजिक इंडस्ट्री के लोकप्रिय गायक और संगीतकार जुबिन गर्ग की मौत के सदमे से उनके फैंस अब तक उबर नहीं पाए हैं। रहस्यमयी हालात में हुई उनकी मौत की गुत्थी अब तक नहीं सुलझी है और इसमें आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। जुबिन का म्यूजिक इंडस्ट्री में क्या कद था, इसका अंदाज उनके जीते जी शायद बहुत लोगों को न हो, लेकिन उनकी मौत ने बखूबी इसका एहसास कराया। जिस तरह से असम सरकार ने उन्हें अंतिम विदाई दी और उनके फैंस उन्हें श्रद्धांजली देने के लिए कतार में खड़े रहे, वो किसी को यूं ही नहीं मिल जाता है।

जुबिन के फैंस सिर्फ भारत में ही नहीं थी, पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग थी। हाल ही में पाकिस्तानी रॉकबैंड ‘खुदगर्ज’ ने कराची में आयोजित एक कॉन्सर्ट के दौरान उनका गाना ‘या अली’ प्ले किया और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। जैसे ही बैंड ने गाना शुरू किया, पूरा हॉल तालियों और उनके नाम से गूंज उठा। इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करते हुए बैंड ने लिखा, ‘कराची से प्यार के साथ, जुबीन गर्ग, आप हमेशा हमारी प्लेलिस्ट का हिस्सा बने रहेंगे। शुक्रिया।’ इस वीडियो पर भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के फैंस ने एक सुर में लिखा, ‘कला के लिए कोई सरहदें नहीं’।

बता दें, 19 सितंबर 2025 को असम म्यूजिक इंडस्ट्री के मशहूर गायक जुबिन गर्ग के निधन ने पूरे देश को हैरान कर दिया था। सिंगापुर के लाजरस आइलैंड में स्विमिंग के दौरान उन्हें दौरा पड़ा और 52 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह ड्राउनिंग बताई गई, लेकिन बाद में असम पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया, जिसकी जांच जारी है। जुबिन के अंतिम संस्कार में गुवाहाटी में हजारों की संख्या में फैंस ने उन्हें भावभीनी विदाई दी। राज्य सरकार ने उन्हें 21 तोपों की सलामी के साथ अंतिम सम्मान दिया था।


पाकिस्तान का खुदगर्ज बैंक फ्यूजन और रॉक म्यूजिक के लिए मश्हूर है। जुबिन गर्ग को श्रद्धांजलि देने वाली उनकी परफॉर्मेंस ने साबित कर दिया कि जुबिन गर्ग का संगीत सीमाओं से परे था। फैंस ने कमेंट्स में लिखा, ‘संगीत ही असली धर्म है’ और ‘जुबिन जैसे कलाकार अमर होते हैं’। असमिया, बंगाली, हिंदी, बांग्ला और ओडिया गीतों में अपनी अलग पहचान बनाने वाले जुबिन ने ‘या अली’, ‘दिल तूही बता’, और ‘भेजा कम’ जैसे गानों से दिल जीते।

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