पूरा दिन भूखे रहने के बजाय, थोड़ी-थोड़ी मात्रा में हर 2-3 घंटे पर कुछ खाएं। फल सलाद, मेवे या पनीर का छोटा टुकड़ा सबसे बेहतर विकल्प हैं जिससे ब्लड शुगर स्टेबल रहेगा।
शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है। पानी, नारियल पानी, छाछ या नींबू पानी लेते रहें। मीठे फलों के जूस या कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजों से दूर रहें, ये शुगर बढ़ा सकते हैं।
कुट्टू का आटा, समा के चावल या राजगिरा जैसी चीजें चुनें जिनमें कॉम्प्लेक्स कार्ब्स और प्रोटीन हों। ये धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे पेट भरा रहता है और शुगर सामान्य रहता है।
अक्सर व्रत में आलू चिप्स, पूड़ी या मिठाइयां खाई जाती हैं लेकिन डायबिटीज पेशेंट को एयर-फ्राइड या भुनी चीजें लेना चाहिए। शकरकंद उबालें या भूनें; चीनी की जगह गुड़/स्टीविया लें।
अपनी दवाएं या इंसुलिन डॉक्टर के बताए अनुसार ही लें। किसी भी बदलाव के लिए डॉक्टर से पहले सलाह जरूर लें और दवाई का समय कभी न चूकें।
दिन में 2-3 बार ब्लड शुगर अवश्य चेक करें। अचानक थकान, कमजोरी या चक्कर आए तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
व्रत में एक बार में ज्यादा खाना शुगर को असंतुलित कर सकता है। संतुलित मात्रा में खाएं और ओवरईटिंग से बचें, इससे पेट और सेहत दोनों सुधरेंगे।
व्रत शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें, अपनी फैमिली को भी व्रत के दौरान स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दें ताकि जरूरत पर तुरंत सहायता मिल सके।