आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारी लाइफस्टाइल की वजह से चेहरे पर फोड़े-फुंसियों की समस्या होना आम बात हो गई है। लेकिन कुछ गांठ या पिंपल्स को नजरअंदाज करना हमारे लिए खतरनाक भी हो सकता है। अक्सर कैंसर की गांठ और सामान्य फोड़े-फुंसी दिखने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन इसके बीच काफी अंतर होता है, जिसे आप आसानी से पहचान सकते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कैंसर की गांठ शुरुआत में दर्द रहित होती है और धीरे-धीरे आकार में बढ़ती जाती है, जबकि सामान्य फोड़े-फुंसी में शुरुआत में दर्द, रेडनेस और पस जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। आइए जानते हैं कैंसर की गांठ और नार्मल फोड़े-फुंसी में क्या अंतर होते हैं।
कैसा होता है फोड़े-फुंसी का लक्षण
फोड़े-फुंसी आमतौर पर बैक्टीरिया से होने वाला इंफेक्शन होता है, जो त्वचा पर लाल, दर्दनाक और छूने पर काफी दर्द होता है। फोड़े-फुंसी में आसपास की त्वचा सूज जाती है और तेज दर्द होता है। इनमें पस भर जाती है, जो पकने पर बाहर निकल सकती है। कई बार इसके साथ हल्का बुखार, थकान या कमजोरी भी महसूस हो सकती है। यह समस्या शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है, लेकिन अक्सर गर्दन, जांघ, कमर या चेहरे पर दिखाई देती है। फोड़े-फुंसी का इलाज अगर समय पर नहीं होता है तो इसका इंफेक्शन फैलकर आसपास की त्वचा को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
कैंसर की गांठ आमतौर पर त्वचा के नीचे सख्त महसूस होती है। दिखने में इसका आकार भी असमान होता है। गांठ की शुरुआत में इसमें कोई दर्द नहीं होता लेकिन ये धीरे-धीरे बढ़ती है। अगर आप इसको दबाते है तो ये गांठ अपनी जगह से नहीं हिलती है। कई बार इसके आसपास की त्वचा का रंग बदल जाता है या वहां खुजली और जलन भी महसूस होती है। ऐसी गांठें गर्दन, बगल या स्तन शरीर के किसी भी हिस्से में बन सकती हैं। इसका समय पर पहचान कर इलाज करवाना बहुत जरूरी है नहीं तो ये ये गांठ आसपास के टिशूज तक फैल सकती है।
दोनों में होते हैं ये लक्षण
कैंसर की गांठ आमतौर पर दर्द रहित और धीरे-धीरे बढ़ने वाली होती है, जबकि फोड़ा या फुंसी कुछ ही दिनों में बढ़कर तेज दर्द और जलन देता है। कैंसर की गांठ कठोर, असमान और हिलती नहीं है, वहीं फोड़ा मुलायम होता है और दबाने पर हिल सकता है। कैंसर की गांठ धीरे-धीरे कई हफ्तों या महीनों में बढ़ती है, वहीं फोड़े-फुंसी कुछ ही दिनों में आकार बदल लेते हैं। फोड़े-फुंसी में पस भरता है, जबकि कैंसर की गांठ में पस नहीं बनता। आमतौर पर कैंसर की गांठ पर त्वचा का रंग नार्मल रहता है, जबकि फोड़े-फुंसी के आसपास की त्वचा लाल और सूजी हुई दिखती है।
अगर कोई गांठ 2-3 हफ्तों से ज्यादा समय तक बनी रहे, आकार में बढ़े, कठोर हो या दर्द न करे, तो इसे नजरअंदाज न करें। इसी तरह अगर फोड़ा ठीक न हो, पस बढ़ता जाए या बार-बार हो रहा हो, तो यह संक्रमण का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है, क्योंकि समय पर पता चलने से गंभीर बीमारियों का इलाज आसान हो जाता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।