आज की लाइफस्टाइल में घंटों लैपटॉप के सामने बैठना, मोबाइल पर झुके रहना और देर रात तक जागना आम बात हो गई है। लेकिन यही आदतें धीरे-धीरे शरीर पर असर डालती हैं। सुबह उठते ही अगर आपको गर्दन में खिंचाव या पीठ में भारीपन महसूस होता है, तो समझ लीजिए कि आपका शरीर ब्रेक मांग रहा है। काम के बीच बार-बार होने वाली अकड़न, सिरदर्द और थकान न सिर्फ मूड खराब करती है, बल्कि आपके प्रोडक्टिविटी पर भी असर डालती है। कई बार यह दर्द इतना बढ़ जाता है कि दवा लेने पर भी राहत देर से मिलती है।
ऐसे में योगासन एक नेचुरल और आसान समाधान बन सकते हैं। यह न केवल दर्द को जड़ से कम करते हैं बल्कि शरीर को फ्लेक्सिबल बनाकर स्ट्रेस भी दूर करते हैं। कुछ मिनट के योग से आप फिर से एनर्जी महसूस करेंगे और दिनभर एक्टिव रहेंगे।
गर्दन दर्द दूर करने के लिए आसान योगासन
बालासन (Child Pose) एक बेहद आसान और आरामदायक योगासन है। जमीन पर घुटनों के बल बैठें, घुटनों को हल्का सा दूर करें और शरीर को आगे झुकाकर हाथों को पूरी तरह आगे की ओर फैलाएं। इस पोज को कुछ सेकंड होल्ड करें। ये गर्दन, पीठ और कंधों की मांसपेशियों को रिलैक्स करता है और मानसिक तनाव को भी कम करता है।
मार्जरी आसन (Cat-Cow Pose) करने के लिए घुटनों के बल बैठें, हथेलियां जमीन पर टिकाएं और सांस लेते हुए पीठ को ऊपर उठाएं व सिर नीचे झुकाएं। फिर सांस छोड़ते हुए रीढ़ को नीचे झुकाएं। ये आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है, गर्दन और कमर के दर्द को कम करता है और बॉडी पोश्चर को बेहतर बनाता है।
शवासन सबसे आसान और प्रभावी योगासन माना जाता है। पीठ के बल लेटकर हाथ-पैर को हल्का सा फैलाएं, आंखें बंद कर गहरी सांस लें। ये आसन न केवल गर्दन के दर्द में राहत देता है बल्कि पूरे शरीर को रिलैक्स करता है और मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
भुजंगासन (Cobra Pose) करने के लिए पेट के बल लेटें, हथेलियां कंधों के पास रखें और धीरे-धीरे सिर और छाती को ऊपर उठाएं। ये आसन कमर, कंधों और छाती की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, थकान दूर करता है और फेफड़ों की क्षमता को भी बढ़ाता है।
मत्स्यासन (Fish Pose) पीठ के ऊपरी हिस्से के लिए बेहद असरदार है। इसे करने से गर्दन, कंधों और पीठ की मांसपेशियों का तनाव कम होता है। साथ ही ये घुटनों और रीढ़ की हड्डी के दर्द को भी दूर करने में मदद करता है।
गोमुखासन करने से पीठ और कंधों की मांसपेशियों में स्ट्रेचिंग होती है, जिससे दर्द में राहत मिलती है। यह आसन हाई बीपी को कंट्रोल करने में भी सहायक है और स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है।
इन योगासनों को रोजाना 10-15 मिनट करने से गर्दन और पीठ का दर्द काफी हद तक कम हो सकता है। साथ ही शरीर में लचीलापन आता है और मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। दवा लेने से बेहतर है कि प्राकृतिक तरीके से दर्द को कंट्रोल किया जाए।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।