दिल्ली-NCR (दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद) में फ्लू जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। एक सर्वे के मुताबिक, इन इलाकों के लगभग 10 में से 7 घर इस समय संक्रमण से प्रभावित हैं। इसकी मुख्य वजह H3N2 वायरस, यानी इन्फ्लुएंजा A का एक सब-टाइप है।
H3N2 वायरस इन्फ्लुएंजा A का एक प्रकार है। यह वायरस अपने सतह पर मौजूद दो प्रोटीन- हेमाग्लूटिनिन-3 (H3) और न्यूरामिनिडेस-2 (N2) की वजह से पहचाना जाता है। यह वही वायरस है, जो सीजनल फ्लू का कारण बनता है और समय-समय पर बदलता रहता है। इसकी वजह से बार-बार अलग-अलग तीव्रता के साथ संक्रमण फैल सकता है।
यह वायरस बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और पहले से बीमारियों (जैसे अस्थमा, डायबिटीज, दिल की बीमारी) से जूझ रहे लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है।
आम तौर पर लक्षण 5-7 दिनों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन इस बार कई मरीज 10 दिन या उससे ज्यादा समय तक खांसी और थकान से परेशान हो रहे हैं।
इलाज और कब डॉक्टर से मिलें?
ज्यादातर लोग आराम, पर्याप्त पानी और हल्की दवाओं से घर पर ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर बुखार लंबे समय तक बना रहे, सांस लेने में तकलीफ हो या सीने में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। कुछ मामलों में डॉक्टर एंटी-वायरल दवा (जैसे ओसेल्टामिविर) भी लिख सकते हैं, अगर इलाज जल्दी शुरू किया जाए।
सावधानी और समय पर इलाज से H3N2 के फैलाव और गंभीरता को रोका जा सकता है।