BJP President: भारतीय जनता पार्टी ने बिहार के मंत्री नितिन नबीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। बीजेपी के इस फैसले के बाद देश की दो सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों में शीर्ष नेतृत्व के बदलाव के तरीके पर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है। पिछले चार दशकों में BJP और कांग्रेस दोनों ने ही अपने नेतृत्व का संचालन अलग-अलग तरीके से किया है। आइए आपको बताते हैं कि पिछले 45 सालों में किस पार्टी में कितने रहे है अध्यक्ष।
45 वर्षों में 12 अध्यक्षों ने किया BJP का नेतृत्व
1980 में अपनी स्थापना के बाद से BJP के 12 अलग-अलग राष्ट्रीय अध्यक्ष बन चुके है। कई अध्यक्षों ने एक से अधिक बार भी पद संभाला है। फिलहाल जगत प्रकाश नड्डा, अध्यक्ष है और नितिन नबीन कार्यकारी अध्यक्ष। अध्यक्षों में प्रमुख नाम: अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कुशाभाऊ ठाकरे, बंगारू लक्ष्मण, के. जना कृष्णमूर्ति, एम. वेंकैया नायडू, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अमित शाह और जगत प्रकाश नड्डा है। सबसे लंबे समय तक लाल कृष्ण आडवाणी अध्यक्ष रहे, जिन्होंने तीन अलग-अलग कार्यकालों में यह पद संभाला।
इसे देखने पर ये साफ पता चलता है कि BJP में नेतृत्व का परिवर्तन अधिक बार होता रहा है, जो पार्टी के संगठनात्मक पुनर्गठन को दर्शाता है।
कांग्रेस का कैसा रहा है कार्यकाल
बीजेपी के विपरीत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) में 1980 के बाद शीर्ष स्तर पर काफी कम बदलाव हुए हैं। इस अवधि के दौरान पार्टी की अध्यक्षता अक्सर नेहरू-गांधी परिवार के भीतर केंद्रित रही, जिससे अध्यक्षों का कार्यकाल काफी लंबा चला। 1980 के बाद प्रमुख अध्यक्ष:
सोनिया गांधी सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रही, जिन्होंने 1998 से 2022 तक दो बार में सबसे लंबे समय तक पार्टी का नेतृत्व किया। इसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने 2022 में पदभार संभाला, जिससे 24 वर्षों में वह पहले गैर-गांधी अध्यक्ष बने। यानी कांग्रेस में अध्यक्षों की संख्या BJP की तुलना में काफी कम रही है, जिसमें नेतृत्व अक्सर लंबे समय तक एक ही परिवार या व्यक्ति के पास केंद्रित रहा है।
अन्य दलों में नेतृत्व का पैटर्न
BJP और कांग्रेस से इतर, व्यापक विपक्षी राजनीतिक परिदृश्य में नेतृत्व का पैटर्न और भी डोमाडोल है, जहां अधिकांश दलों में नियंत्रण संस्थापक परिवारों के भीतर ही रहा है। समाजवादी पार्टी (अखिलेश यादव), DMK (एमके स्टालिन), और राष्ट्रीय जनता दल (तेजस्वी यादव) में शीर्ष नेतृत्व संस्थापक परिवारों के वारिसों के पास है। वहीं तृणमूल कांग्रेस (ममता बनर्जी), बहुजन समाज पार्टी (मायावती), और आम आदमी पार्टी (अरविंद केजरीवाल) जैसी पार्टियों में नेतृत्व पार्टी के संस्थापक नेताओं के पास ही बना हुआ है।