मध्य प्रदेश के कटनी साउथ स्टेशन पर जब 6 अगस्त को नर्मदा एक्प्रेस रुकी तो उसके बी 3 कोच की 3 नंबर सीट पर राखी और तोहफों के साथ सिर्फ बैग था, सफर करने वाला यात्री कहीं नजर नहीं आ रहा था। इस सीट पर 29 साल अर्चना तिवारी यात्रा कर रही थी। वह रक्षाबंधन से दो दिन पहले 5 अगस्त को अपने इंदौर स्थित हॉस्टल से त्योहार के लिए निकली थी।
अर्चना ने रात करीब 10.16 बजे अपनी आंटी को फोन कर बताया था कि वो भोपाल पहुंच चुकी है। ये उसकी तरफ से की गई आखिरी कॉल थी। अर्चना को गायब हुए दो हफ्ते से ज्यादा का समय बीत चुका है और अब तब उसका कहीं पता नहीं चला है। परिवार इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहा है। इस बीच, सर्च टीम मध्य भारत में तलाशी अभियान चला रही है और उस वजह को तलाश करने की कोशिश कर रही है, जिसकी वजह से घर जाने की 12 घंटे की सामान्य यात्रा एक सवाल बनकर रह गई है।
अर्चना के भाई ने बताया कि वह मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में बतौर वकील प्रैक्टिस करती है और इंदौर में हॉस्टल में रह कर सिविल जज बनने के लिए परीक्षा की तैयार कर रही है। उनके भाई ने कहा, ‘वह जज बनने के लिए बहुत मेहनत कर रही थी। हम सभी रक्षा बंधन पर उससे मिलने के लिए बहुत उत्सुक थे। मगर वो गायब हो गई।’
अर्चना ने रक्षाबंधन की शॉपिंग की, सबके तोहफों के साथ बैग पैक किया और 5 अगस्त को नियत समय पर इंदौर में अपने हॉस्टल से नर्मदा एक्सप्रेस में यात्रा करने के लिए निकल गई। लेकिन अगले दिन सुबह जब कटनी साउथ रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पहुंची तो परिजनों के काफी देर तक स्टेशन पर इंतजार करने के बावजूद अर्चना ट्रेन से नहीं उतरी। उसका अंतिम डिजिटल सुराग नर्मदापुरम जिले में नर्मदा रेलवे ब्रिज के पास एक सेल टॉवर से मिला था, जिसके बाद से यह स्थान खोज अभियान का केंद्र बन गया है।
कई जिलों में जांच दल तैनात किए गए हैं। जीआरपी अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि इटारसी रेलवे स्टेशन अर्चना की अंतिम सत्यापित लोकेशन है, जहां उसे ट्रेन में देखे जाने की पुष्टि की गई है। लेकिन उसके बाद जो हुआ, वो एक रहस्य बना हुआ है। लोढ़ा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘वह उस दिन लापता हुई जिस दिन सैकड़ों लोग एक स्थानीय धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। इस दौरान कई लोगों ने उसे देखा है। इसलिए हमें लगता है कि वह खुद ही चली गई होगी। उसे इतनी भीड़-भाड़ वाली जगह से अगवा नहीं किया गया होगा।’