Ahmedabad Air India plane crash: गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया प्लेन क्रैश की जांच में संयुक्त राष्ट्र (UN) मदद करना चाहता था। लेकिन भारत ने इसकी इजाजत नहीं दी है। सूत्रों ने न्यूज 18 को बताया कि भारत ने अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश की घटना की जांच में संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ता को शामिल होने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र की एविएशन एजेंसी ICAO (इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन) ने भारत सरकार को अपने एक अफसर की मदद देने की पेशकश की थी। लेकिन भारत सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी।
न्यूज 18 को सूत्रों ने बताया कि इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (ICAO) की तरफ से भारत में मौजूद जांचकर्ता को पर्यवेक्षक का दर्जा दिए जाने के अनुरोध के बाद भारतीय अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। यानी अब एयर इंडिया प्लेन क्रैश की जांच टीम में संयुक्त राष्ट्र (UN) के अधिकारी को शामिल नहीं किया जाएगा।
भारत सरकार ने गुरुवार को कहा कि 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान के ब्लैक बॉक्स से डेटा निकाला जा रहा है। साथ ही कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर तथा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर का विश्लेषण किया जा रहा है ताकि दुर्घटना की कड़ियों को जोड़ा जा सके। सरकार ने इस दुर्घटना में 270 लोगों के मारे जाने के करीब 15 दिन बाद इस घटना की जांच को लेकर जानकारी दी है।
नागर विमानन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो तुरंत जांच शुरू की। लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान 12 जून को अहमदाबाद में उड़ान भरने के तुरंत बाद एक मेडिकल हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें विमान में सवार 241 यात्रियों समेत 270 लोगों की मौत हो गयी थी। जबकि एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया था।
मंत्रालय ने कहा, "24 जून की शाम को एएआईबी महानिदेशक के नेतृत्व में एएआईबी और एनटीएसबी के तकनीकी सदस्यों के साथ टीम ने डेटा निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी। आगे के ब्लैक बॉक्स से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (CPM) को सुरक्षित रूप से निकाल लिया गया और 25 जून 2025 को मेमोरी मॉड्यूल सफलातपूर्वक प्राप्त किया गया। इसका डेटा एएआईबी लैब में डाउनलोड किया गया।"
एएआईबी लैब का इस साल अप्रैल में राष्ट्रीय राजधानी में उद्घाटन किया गया था। बयान में कहा गया है, "कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) का विश्लेषण किया जा रहा है। इन प्रयासों से दुर्घटना की कड़ियां जोड़ने और विमानन सुरक्षा को बढ़ाने व भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अहम कारकों की पहचान करने में मदद मिलेगी।"
बोइंग 787 विमान में दो ब्लैक बॉक्स होते हैं। इनमें से प्रत्येक में एक सीवीआर और एक एफडीआर होता है। मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी कार्रवाई देश के कानूनों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पूर्ण अनुपालन करते हुए समयबद्ध तरीके से की गई है।