AI roadmap : नीति आयोग ने विकसित भारत का AI रोडमैप पेश किया है। नीति आयोग ने एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करके AI को भारत की इकोनॉमी के लिए निर्णायक साधन बताया है। रिपोर्ट के अनुसार AI को अपनाकर GDP ग्रोथ रेट को 8 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। इसी के साथ आने वाले दस साल में दुनिया की इकोनॉमी में AI का योगदान 26 ट्रिलियन डॉलर तक हो सकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई अपनाने से भारत 2035 तक अनुमानित 6.6 ट्रिलियन डॉलर के जीडीपी को बढ़ाकर 8.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा सकता है। इसमें यह भी कहा गया है कि 8 फीसदी की विकास दर हासिल करने के लिए, देश को उत्पादकता और नवाचार दोनों को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करना होगा।
नीति आयोग और निति फ्रंटियर टेक हब ने मिल कर भारतीय अर्थव्यवस्था में एआई की भूमिका को लेकर ये रिपोर्ट बनाई है। इस रिपोर्ट का शीर्षक है 'विकसित भारत के लिए एआई: त्वरित आर्थिक विकास के अवसर'।
नीति आयोग की एआई रिपोर्ट जारी करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम ऐसे रेग्युलेशन नहीं चाहिए जो इनोवेशन को खत्म कर दें। उन्होंने कहा कि एआई को शहरों के लिए बेहतर समाधान देने में मदद करनी चाहिए।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एआई जीवन के हर पहलू को पूरी तरह से बदलने जा रहा है। उन्होंने भारत के लिए एआई टेक्नोलॉजी को विकसित करने और अपनाने में अग्रणी होने के महत्व पर बल दिया। मंत्री ने आगे कहा कि एआई हाल के दशकों में सबसे बड़े टेक्निकल ट्रांसफॉर्मेशन के रूप में उभरा है और इसका प्रभाव इंटरनेट की तरह ही बहुत व्यापक होगा।
नीति आयोग के CEO बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि एआई आठ फीसदी से अधिक की विकास दर के लिए निर्णायक लीवर हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर उद्योग केंद्रित और सेक्टर-विशेष नजरिया अपनाया जाए तो बैंकिंग और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में अभी से एआई का इस्तेमाल कर कार्यकुशलता, सर्विस क्वालिटी और प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता को बेहतर बनाया जा सकता है। इससे आगे चलकर बड़े स्तर पर बदलाव लाने में सहायता मिलेगी।