12, जून 2025...दिन गुरुवार, यह दिन भी बाकी दिनों जैसा ही सामान्य बीत रहा था। अचानक से दोपहर में गुजरात के अहमदाबाद में एक प्लेन क्रैश की खबर आती है। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171। किसने सोचा था कि जो लोग अपनों से विदा लेकर इस फ्लाइट में चढ़ रहे हैं, उनमें से केवल एक को छोड़कर बाकी सभी कभी वापस नहीं आएंगे। इस भयानक, झकझोर कर रख देने वाले हादसे की खबर देश से लेकर विदेश तक जिसने सुनी, वह सन्न रह गया। दिल दुख से और आंखें आसुओं से भर गईं। इस हादसे में जिन लोगों ने अपनों को खोया, उनके दर्द का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
इस हादसे की डरावनी यादें हवाई यात्रा करने वालों को और न डराएं, यह सोचकर विमानन कंपनी एयर इंडिया और एयर इंडिया (AI) एक्सप्रेस ने फ्लाइट नंबर ‘171’ का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है।
लंदन गैटविक जा रही थी फ्लाइट
12 जून को दोपहर 1.38 बजे अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही पलों बाद एयरपोर्ट के पास मेघाणी नगर इलाके में क्रैश हो गई। इसमें चालक दल के 10 सदस्यों सहित 242 लोग सवार थे। प्लेन बीजे मेडिकल कॉलेज एवं सदर अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों के हॉस्टल, और आवासीय क्वार्टरों के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। प्लेन जहां गिरा, वहां और उसके आसपास मौजूद लोग और गाड़ियां भी चपेट में आ गए। हादसे में प्लेन के 241 यात्रियों सहित 270 लोगों की मौत हो गई। जो प्लेन क्रैश हुआ, वह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था।
अब एयर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन गैटविक फ्लाइट का यह होगा नंबर
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि यह एक आम चलन है कि घातक उड़ान दुर्घटनाओं के बाद एयरलाइंस उस फ्लाइट नंबर का इस्तेमाल करना बंद कर देती हैं। एक सूत्र के मुताबिक, अब 17 जून से एयर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन गैटविक की फ्लाइट का नंबर ‘AI 171’ के बजाय ‘AI 159’ होगा। बुकिंग प्रणाली में जरूरी बदलाव शुक्रवार को कर दिए गए।
एक दूसरे सूत्र का कहना है कि एयर इंडिया एक्सप्रेस ने भी अपनी उड़ान संख्या ‘IX 171’ को बंद करने का फैसला किया है। ‘171’ नंबर की फ्लाइट्स को बंद करना प्लेन क्रैश में जान गंवाने वालों के प्रति सम्मान का प्रतीक है। इससे पहले साल 2020 में एयर इंडिया एक्सप्रेस ने कोझीकोड में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान के फ्लाइट नंबर का इस्तेमाल करना भी बंद कर दिया था। उस हादसे में 21 लोग मारे गए थे।