एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में एक और नया पहलू सामने आया है। जांचकर्ताओं ने विमान के फ्लाइट और वॉयस रिकॉर्डर यानी ब्लैक बॉक्स के डेटा की बारीकी से जांच की है। 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट 171 ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और कुछ ही सेकंड के भीतर यह हादसे का शिकार हो गई। लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही इस उड़ान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो गई, जबकि जमीन पर मौजूद 19 अन्य लोग भी इसकी चपेट में आकर जान गंवा बैठे। यह हादसा बेहद दर्दनाक था, और अब इसकी जांच में कुछ अहम बातें सामने आ रही हैं।
एविएशन इंडस्ट्री से जुड़ी वेबसाइट The Current Air की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल जांच में सबसे ज्यादा फोकस इंजन से जुड़े फ्यूल कंट्रोल स्विच पर किया गया है। यह स्विच इंजन में फ्यूल फ्लो को कंट्रोल करता है। आमतौर पर यह सिर्फ उड़ान की शुरुआत या आखिर में ही इस्तेमाल होता है। इस स्विच के दो मोड होते हैं – RUN और CUTOFF। अगर उड़ान के दौरान गलती से यह स्विच "CUTOFF" हो जाए, तो इंजन को मिलने वाला फ्यूल रुक जाता है और इंजन अचानक बंद हो सकता है। इससे विमान की पावर खत्म हो जाती है और कई अहम सिस्टम भी बंद हो सकते हैं।
टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही बंद हुआ फ्यूल!
जांच में आशंका जताई गई है कि टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही फ्यूल कंट्रोल स्विच के मोड में कोई बदलाव हुआ है। हालांकि, यह अब तक साफ नहीं हो सका है कि यह बदलाव किसी तकनीकी खराबी की वजह से हुआ या इंसानी भूल के कारण। ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड हुए डाटा का विश्लेषण जारी है, लेकिन इस पूरे प्रोसेस में कई महीने लग सकते हैं।
अब तक की जांच से यह साफ हुआ है कि विमान की बनावट या डिजाइन में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। फ्यूल में भी कोई मिलावट नहीं थी और न ही विमान के विंग्स में लगे फ्लैप्स में कोई तकनीकी खामी मिली है। बोइंग या GE एयरोस्पेस ने भी इस हादसे के बाद कोई चेतावनी जारी नहीं की है। भारत की जांच एजेंसी AAIB और अमेरिका की NTSB इस मामले की जांच कर रही हैं, लेकिन अभी तक किसी ने कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है।
विमान का बैकअप पावर सिस्टम एक्टिवेट
हादसे के बाद यह भी पता चला है कि विमान का बैकअप पावर सिस्टम Ram Air Turbine (RAT) एक्टिव हो गया था, जो आपात स्थिति में कुछ सिस्टम्स को सीमित रूप से बिजली देता है। लेकिन RAT लैंडिंग गियर जैसे जरूरी हिस्सों को ऑपरेट नहीं कर सकता, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि उस समय विमान पूरी तरह कंट्रोल में नहीं था।
11 जुलाई के आसपास भारत सरकार की जांच एजेंसी AAIB की ओर से इस हादसे पर एक शुरुआती रिपोर्ट जारी की जा सकती है। यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय विमानन नियमों के तहत तैयार की जाएगी, जिसमें हादसे से जुड़े अब तक के तथ्यों को शामिल किया जाएगा। लेकिन यह रिपोर्ट किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचेगी, और हो सकता है कि इसे सार्वजनिक न भी किया जाए।
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान का पहला हादसा
रिपोर्ट के मुताबिकस, यह घटना बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान की अब तक की पहली घातक दुर्घटना है। पूरी दुनिया के विमानन विशेषज्ञ इस जांच को बेहद करीब से देख रहे हैं। वहीं भारत सरकार की जांच एजेंसियों पर धीमी रफ्तार और जानकारियों की पारदर्शिता की कमी को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। यही कारण है कि इस हादसे को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की झूठी खबरें और अफवाहें तेजी से फैल रही हैं, जिनमें कई जनरेटिव AI टूल्स की मदद से गढ़ी गई फर्जी जानकारी भी शामिल है।
जांचकर्ता अब तक यह तय नहीं कर पाए हैं कि फ्यूल स्विच से जुड़े बदलाव पायलट की गलती से हुए, जानबूझकर किए गए, या फिर किसी ऑटोमैटिक सिस्टम की वजह से। यह भी साफ नहीं है कि दोनों इंजनों के स्विच पर असर पड़ा या सिर्फ एक पर।
इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए जांच को अभी और वक्त लगेगा। जब तक सभी तकनीकी आंकड़ों और रिकॉर्डिंग्स की गहराई से पड़ताल नहीं हो जाती, तब तक इस हादसे की असली वजह का पता लगाना मुश्किल होगा।