एयर इंडिया के प्लेन के साथ 12 जून को हुए दर्दनाक हादसे की जांच को लेकर टाटा समूह ने पूरी पारदर्शिता का वादा किया है। भारत, ब्रिटेन और अमेरिका की टीमें इस दुर्घटना की जांच शुरू कर रही हैं। इस बीच टाटा संस और एयर इंडिया के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने कहा है कि टाटा ग्रुप अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटेगा। ग्रुप इस नुकसान को सहन करेगा और इस हादसे को नहीं भूलेगा।
12 जून को दोपहर 1.38 बजे अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही पलों बाद एयरपोर्ट के पास मेघाणी नगर इलाके में क्रैश हो गई। इसमें चालक दल के 10 सदस्यों सहित 242 लोग सवार थे। प्लेन बीजे मेडिकल कॉलेज एवं सदर अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों के हॉस्टल, और आवासीय क्वार्टरों के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। हादसे में 241 यात्रियों सहित 265 लोगों की मौत हो गई। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी एयर इंडिया प्लेन क्रैश में मौत हो गई है।
'अभी शब्दों से सांत्वना नहीं मिल सकती..'
एन चंद्रशेखरन, जिन्हें एन चंद्रा भी कहा जाता है, ने सहकर्मियों को लिखे एक लेटर में कहा, 'यह बहुत मुश्किल वक्त है। कल जो हुआ, वह समझ से परे है और हम सदमे और शोक में हैं। एक ऐसे व्यक्ति को खोना जिसे हम जानते हैं, एक त्रासदी है, लेकिन एक साथ इतनी सारी मौतें होना समझ से परे है। यह टाटा समूह के इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक है। अभी शब्दों से सांत्वना नहीं मिल सकती, लेकिन मेरी संवेदनाएं दुर्घटना में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों और प्रियजनों के साथ हैं। हम उनके लिए यहां हैं। मैं यह कहना चाहता हूं कि, आप की तरह, हम भी समझना चाहते हैं कि क्या हुआ। हमें अभी नहीं पता, लेकिन हम जान जाएंगे। आप जानते हैं कि पिछले 24 घंटों में भारत, यूके और यूएस से जांच दल दुर्घटना की जांच करने के लिए अहमदाबाद पहुंच चुके हैं। उन्हें हमारा पूरा सहयोग है और हम निष्कर्षों के बारे में पूरी तरह से पारदर्शी रहेंगे।'
'चारों ओर बहुत सी अटकलें, कुछ सच हो सकती हैं; कुछ झूठ'
एन चंद्रा ने आगे कहा, 'हम परिवारों और प्रियजनों, हमारे पायलटों और चालक दल और आपके प्रति ऋणी हैं। टाटा समूह समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेता है और इसमें कल जो हुआ, उसके बारे में खुलकर बात करना भी शामिल है। अभी, हमारी मानवीय प्रवृत्ति (human instinct) आपदा के लिए स्पष्टीकरण की तलाश कर रही है। हमारे चारों ओर बहुत सी अटकलें हैं। उनमें से कुछ सही हो सकती हैं, कुछ गलत भी हो सकती हैं। मैं धैर्य रखने का आग्रह करना चाहता हूं। हमने कल बहुत बड़ी संख्या में लोगों की जान जाते हुए देखी। यह रूटीन फ्लाइट आपदा में क्यों बदल गई? यह कुछ ऐसा है, जिसे प्रशिक्षित जांचकर्ता अपना काम पूरा होने पर समझने में हमारी मदद करेंगे। एक बार जब हम तथ्यों की पुष्टि कर लेंगे, तो हम इस त्रासदी के बारे में अपने कम्युनिकेशन में पारदर्शी होंगे।'
भरोसे और परवाह के आधार पर बना है टाटा ग्रुप
चंद्रशेखरन यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, 'एक ऐसे समूह के रूप में जिस पर बहुत से लोगों का भरोसा है, जब हमने एयर इंडिया का अधिग्रहण किया, तो इसके यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता थी। इस पर कोई समझौता नहीं किया गया। कल विनाशकारी नुकसान झेलने वाले लोगों के लिए इनमें से कोई भी बात मायने नहीं रखती। इस वक्त, हम उन्हें केवल अपने फुल सपोर्ट का आश्वासन दे सकते हैं। हम एक समूह के रूप में एक साथ काम करेंगे और उनकी मदद करने के तरीके खोजेंगे। हमने इस समूह को भरोसे और परवाह के आधार पर बनाया है। यह एक कठिन क्षण है, लेकिन हम अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटेंगे, जो सही है उसे करने से पीछे नहीं हटेंगे। हम इस नुकसान को सह लेंगे। हम इसे नहीं भूलेंगे।'
टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया प्लेन क्रैश में मरने वाले हर व्यक्ति के परिवार के लिए 1 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की है। साथ ही कहा है कि हादसे में घायल हुए लोगों के इलाज का खर्च भी ग्रुप उठाएगा। इसके अलावा बी जे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के निर्माण में मदद भी करेगा।