इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता को लेकर बड़ा फैसला दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता को लेकर दायर की गई दायर जनहित याचिका यानी PIL को खारिज कर दिया है। बता दें कि इस याचिका को कर्नाटक के सामाजिक कार्यकर्ता एस. विग्नेश शिशिर द्वारा दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि राहुल गांधी भारत के साथ-साथ ब्रिटेन के भी नागरिक हैं। इस आधार पर वह भारतीय संविधान के तहत लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकते।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से कहा है कि वह इस मामले में जल्दी फैसला ले। यह मामला दो विदेशी देशों के बीच जानकारी से जुड़ा हुआ है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने याचिका खारिज कर दी और याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर को कहा कि, वह चाहें तो दूसरी कानूनी राह अपना सकते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक इस मामले को सुलझाने के लिए कोई तय समय नहीं बताया है।
केन्द्र सरकार को दिया ये निर्देश
कोर्ट ने कहा कि, ऐसे हालात में याचिका को ज्यादा समय तक लंबित रखना ठीक नहीं है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह छूट दी है कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो वह दोबारा याचिका दाखिल कर सकता है। कोर्ट ने साफ कहा कि अब फैसला लेना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है और अगर फैसला नहीं हुआ तो अवमानना की याचिका भी दी जा सकती है। भाजपा नेता और वकील विग्नेश शिशिर ने याचिका दायर कर कहा है कि राहुल गांधी भारत के साथ-साथ ब्रिटेन के भी नागरिक हैं। इस वजह से वह संविधान के अनुच्छेद 84 (ए) के हिसाब से चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं।
गृह मंत्रालय ने मांगा है समय
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गृह मंत्रालय की रिपोर्ट पर नाराज़गी जताई थी, क्योंकि उसमें साफ-साफ यह नहीं बताया गया था कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं। तब कोर्ट ने सरकार को 10 दिन का वक्त दिया था कि वह नई रिपोर्ट पेश करे, जिसमें यह साफ जवाब हो कि राहुल गांधी की नागरिकता क्या है। याचिका में आरोप था कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के पास दोहरी नागरिकता है। मार्च में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को राहुल गांधी की नागरिकता के मामले पर फैसला करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया था। गृह मंत्रालय के वकील ने कहा था कि यूके सरकार से जानकारी की पुष्टि करने के लिए उन्हें और वक्त चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 5 मई की तारीख तय कर दी थी।
पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि, राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता के आरोप वाली याचिका पर विचार किया जा रहा है। यह बात उस वक्त कही गई जब कोर्ट में शिशिर की याचिका पर सुनवाई हो रही थी। शिशिर ने सीबीआई से जांच की मांग की थी और कहा था कि उनके पास अपने दावे को साबित करने वाले कुछ गोपनीय ईमेल भी हैं।