आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले में क्लास 10 की एक छात्रा ने स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस-प्रिंसिपल पर मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाते हुए कथित तौर पर आत्महत्या की कोशिश की। रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना 14 नवंबर को हुई थी, लेकिन अब सामने आई है। छात्रा ब्लेसी (14) का आरोप है कि स्कूल अधिकारियों ने उसे लगातार दो दिनों तक परेशान किया, जिसके बाद उसने यह कदम उठाया।
हॉस्टल के इमारत से कूदकर आत्महत्या
किर्लमपुडी मंडल के बुरुगुपुडी गांव की रहने वाली ब्लेसी प्रिंसिपल के दबाव और डर को सहन नहीं कर पाई और उसने हॉस्टल की इमारत से कूदकर आत्महत्या की कोशिश की। इस हादसे में उसे गंभीर चोटें आईं—दोनों पैरों में फ्रैक्चर हो गया, रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा और सिर में भी चोट लगी। उसे तुरंत काकीनाडा सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। ब्लेसी के माता-पिता ने प्रिंसिपल और वाइस-प्रिंसिपल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।
माता-पिता ने लगाए ये आरोप
ब्लेसी के माता-पिता का कहना है कि स्कूल स्टाफ बच्चों पर दबाव डाल रहा था कि वे कहें कि वह सीढ़ियों से फिसलकर गिरी थी, जबकि कई छात्रों ने माना कि उन्हें असली घटना के बारे में “कुछ साफ़ नहीं” पता। शिकायत दर्ज होने के बाद अधिकारी हॉस्टल पहुंचे, प्रिंसिपल और अन्य स्टाफ से पूछताछ की और शुरुआती जानकारी जुटाई। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इससे पहले भी ऐसी एक घटना सामने आई थी।
मध्यप्रदेश में भी घटी घटना
मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक प्राइवेट स्कूल की 11वीं की छात्रा ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस के अनुसार, उसने एक हाथ से लिखा नोट छोड़ा था, जिसमें उसने अपने शिक्षक पर शारीरिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया था। 17 साल की इस लड़की का शव 16 नवंबर को उसके घर में फंदे से लटका मिला। पुलिस को उसकी नोटबुक से एक नोट मिला, जिसमें उसने लिखा था कि उसकी टीचर उसे शारीरिक सज़ा देती थी और खराब बर्ताव करती थी। लड़की ने बताया कि टीचर उसे मारते समय उसका हाथ ज़ोर से पकड़ते थे और उसे अपनी बंद मुट्ठी खोलने की चुनौती देते थे।
दिल्ली में हुआ था हादसा
इससे पहले दिल्ली में भी ऐसी एक दुखद घटना हुई थी। वहां 10वीं क्लास की एक छात्रा ने मेट्रो स्टेशन के प्लेटफ़ॉर्म से कूदकर जान दे दी थी। उसने एक भावुक नोट छोड़ा था, जिसमें लिखा था कि कुछ टीचर उसे बार-बार मानसिक रूप से परेशान करते थे और बेइज्जती करते थे। इस घटना के बाद लोगों में गहरा गुस्सा देखा गया और माता-पिता व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने छात्रा को हुई मानसिक तकलीफ के लिए कड़ी कार्रवाई और जवाबदेही की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किए।
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