'इससे सच्चाई नहीं बदलने वाली...', अरुणाचल पर भारत ने चीन को दिया करारा जवाब

चीनी विदेश मंत्रालय के बयानों के बारे में मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय नागरिक को मनमाने ढंग से हिरासत में लेने के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय के बयान देखे हैं, जिसके पास पात्र पासपोर्ट था और वह जापान जाने के लिए शंघाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गुज़र रही थी

अपडेटेड Nov 25, 2025 पर 11:16 PM
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भारतीय नागरिक को 18 घंटे तक रोके जाने की घटना ने भारत-चीन संबंधों में नई तकरार पैदा कर दी है।

शंघाई एयरपोर्ट पर अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली भारतीय नागरिक को 18 घंटे तक रोके जाने की घटना ने भारत-चीन संबंधों में नई तकरार पैदा कर दी है। भारत ने इस मामले को न केवल गंभीरता से लिया बल्कि बीजिंग और दिल्ली दोनों जगह चीनी अधिकारियों के सामने कड़ी कूटनीतिक आपत्ति दर्ज कराई। चीनी विदेश मंत्रालय के बयान को भारतीय विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय के बयानों के संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सख्त आपत्ति दर्ज कराई है।

भारत ने जताई बड़ी आपत्ति

चीनी विदेश मंत्रालय के बयानों के बारे में मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय नागरिक को मनमाने ढंग से हिरासत में लेने के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय के बयान देखे हैं, जिसके पास पात्र पासपोर्ट था और वह जापान जाने के लिए शंघाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गुज़र रही थी। अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अहम और अटूट हिस्सा है, और यह स्पष्ट है। चीनी पक्ष के किसी भी तरह के इनकार इस सच्चाई को बदलने वाला नहीं है'

उन्होंने कहा कि, 'हिरासत का मुद्दा चीनी पक्ष के सामने ज़ोरदार तरीके से उठाया गया है। चीनी अधिकारी अभी भी अपने कामों के बारे में सफाई नहीं दे पाए हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा को कंट्रोल करने वाले कई नियमों का उल्लंघन है। चीनी अधिकारियों की कार्रवाई उनके अपने नियमों का भी उल्लंघन है जो सभी देशों के नागरिकों को 24 घंटे तक वीज़ा फ़्री आने-जाने की इजाज़त देते हैं।'

चीन ने कही थी ये बात


बता दें कि इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा- जांगनान चीन का क्षेत्र है। चीनी पक्ष ने भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित तथाकथित "अरुणाचल प्रदेश" को कभी मान्यता नहीं दी है। आपने जिस व्यक्तिगत मामले का जिक्र किया है, उसके बारे में हमें जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार पूरी अवधि के दौरान चीन के सीमा निरीक्षण अधिकारियों ने कानूनों और नियमों के अनुसार जांच प्रक्रियाएं अपनाईं, कानून प्रवर्तन निष्पक्ष और गैर-अपमानजनक था, संबंधित व्यक्ति के वैध अधिकारों और हितों की पूरी तरह से रक्षा की गई और कोई तथाकथित हिरासत या उत्पीड़न नहीं किया गया। एयरलाइन ने महिला को आराम करने की सुविधा और भोजन प्रदान किया। किसी भी विशिष्ट जानकारी के लिए, मैं आपको सक्षम अधिकारियों से संपर्क करने का सुझाव दूंगी।

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