कोहरे की वजह से राजधानी एक्सप्रेस टकराए हाथी, 7 हाथियों की मौत, इंजन समेत पांच डिब्बे पटरी से उतरे

नई दिल्ली जाने वाली ट्रेन दुर्घटना का शिकार सुबह करीब 2.17 बजे हुई। सैरांग-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस मिजोरम के सैरांग (आइजोल के पास) को आनंद विहार टर्मिनल (दिल्ली) से जोड़ती है। दुर्घटनास्थल गुवाहाटी से लगभग 126 किलोमीटर दूर स्थित है। घटना के बाद, राहत ट्रेनें और रेलवे अधिकारी बचाव अभियान शुरू करने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे

अपडेटेड Dec 20, 2025 पर 5:34 PM
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असम में राजधानी एक्सप्रेस का इंजन और 5 डिब्बे पटरी से उतरे, टक्कर के बाद 7 हाथियों की मौत

असम के होजाई में शनिवार की सुबह हाथियों के एक झुंड की सैरांग-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस से टक्कर हो जाने के बाद कम से कम सात हाथियों की मौत हो गई और एक बच्चा घायल हो गया, जिससे रेल सेवाएं बाधित हो गईं। सैरांग-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस हाथियों के झुंड से टकरा गई, जिसके कारण इंजन और पांच डिब्बे पटरी से उतर गए। अधिकारियों ने बताया कि किसी भी यात्री को कोई चोट नहीं आई है।

न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली जाने वाली ट्रेन दुर्घटना का शिकार सुबह करीब 2.17 बजे हुई। सैरांग-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस मिजोरम के सैरांग (आइजोल के पास) को आनंद विहार टर्मिनल (दिल्ली) से जोड़ती है।


दुर्घटनास्थल गुवाहाटी से लगभग 126 किलोमीटर दूर स्थित है। घटना के बाद, राहत ट्रेनें और रेलवे अधिकारी बचाव अभियान शुरू करने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे।

हाथियों की मौत पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने घटना की व्यापक जांच के आदेश दिए।

रेलवे ने गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर नीचे दिए गए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:

  • 0361-2731621
  • 0361-2731622
  • 0361-2731623

उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “आज सुबह एक दुखद ट्रेन दुर्घटना में सात हाथियों - तीन वयस्क और चार शावक - की मौत से हम बेहद दुखी हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “मैंने वन विभाग को इस बेहद चिंताजनक दुर्घटना की विस्तृत जांच करने और खासतौर से कम विजिबिलिटी वाले मौसमों के दौरान हमारे वन्यजीव गलियारों को और ज्यादा सुरक्षित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है।”

रेल सेवाएं बाधित

बांग्लादेश की सीमा से सटे असम में सैरांग-आनंद विहार राजधानी एक्सप्रेस एक झुंड हाथियों से टकरा गई। इस हादसे में ट्रेन के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए और रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं।

रेलवे सूत्रों के अनुसार, हादसे की वजह से पटरियों पर हाथियों के अवशेष बिखर गए जिससे ऊपरी असम और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों की ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं।

यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया

ट्रेन के प्रभावित डिब्बों में मौजूद यात्रियों को अस्थायी रूप से खाली बर्थ वाले अन्य डिब्बों में बैठाया गया। जब ट्रेन गुवाहाटी पहुंचेगी, तब इसमें अतिरिक्त कोच जोड़े जाएंगे ताकि सभी यात्रियों को जगह मिल सके, इसके बाद ट्रेन अपनी यात्रा फिर शुरू करेगी।

कैसे हुआ हादसा?

यह घटना एक ऐसी जगह पर हुई जो “हाथी कॉरिडोर” यानी हाथियों के नियमित रास्ते में नहीं आती। ट्रेन के इंजन चालक (लॉक पायलट) ने पटरियों पर हाथियों का झुंड देखकर तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाए, लेकिन फिर भी हाथियों का झुंड ट्रेन से टकराया। इससे हादसा और पटरी से उतरने की घटना हुई।

उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया और कहा कि चालक ने समय पर ब्रेक लगाकर यात्रियों की जान बचाई, जिससे कोई गंभीर चोट नहीं आई।

उन्होंने बताया कि ट्रेन में कुल 600 यात्री थे, जिनमें से 200 प्रभावित डिब्बों में थे। उन्हें सुरक्षित निकालकर बाकी डिब्बों में बिठाया गया और ट्रेन की यात्रा फिर शुरू हुई।

बहाली का काम जारी

शर्मा ने बताया कि बहाली का काम तेजी से चल रहा है। पटरी से उतरे डिब्बों को जल्द हटाया जाएगा ताकि नियमित रेल सेवा दोबारा शुरू हो सके। फिलहाल इस सेक्शन में केवल एक लाइन पर ट्रेनों का संचालन हो रहा है।

हादसे के बाद नौ ट्रेनों को रद्द किया गया, 13 को नियंत्रित किया गया (यानी देरी से चलाया जा रहा है) और दो ट्रेनों के मार्ग छोटे कर दिए गए हैं।

कौन-कौन सी ट्रेनें प्रभावित हुईं

रद्द की गई ट्रेनों में रंगिया-न्यू तिनसुकिया एक्सप्रेस, गुवाहाटी-जोर्हाट टाउन जनशताब्दी एक्सप्रेस, गुवाहाटी-बदरपुर विस्ताडोम एक्सप्रेस और न्यू तिनसुकिया-रंगिया एक्सप्रेस शामिल हैं।

अलीपुरद्वार-मरियानी एक्सप्रेस को दिगारू तक ही चलाया गया है, जबकि विपरीत दिशा की ट्रेन मरियानी-अलीपुरद्वार एक्सप्रेस को दिगारू से ही शुरू किया गया।

देरी से चल रही ट्रेनों में सीलदह-सब्रूम कंचनजंघा एक्सप्रेस, डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, डिब्रूगढ़-कन्याकुमारी विवेक एक्सप्रेस और न्यू तिनसुकिया-बेंगलुरु एक्सप्रेस शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में इसी तरह की एक घटना 30 नवंबर को हुई थी, जब एक ट्रेन से टकराकर एक वयस्क हाथी की मौत हो गई और एक हाथी का बच्चा घायल मिला था।

पांच साल में 70 से ज्यादा हाथियों की मौत

पर्यावरण मंत्रालय ने संसद को सूचित किया था कि पिछले पांच सालों (2020-21 से 2024-25) में देशभर में 79 हाथियों की मौत ट्रेन से टकराने की वजह से हुई है।

पर्यावरण राज्य मंत्री किर्ती वर्धन सिंह ने बताया कि रेलवे और पर्यावरण मंत्रालय ने मिलकर ऐसे हादसों को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं-

  • हाथियों वाले इलाकों में ट्रेनों की गति सीमित की गई है।

  • पटरियों के आसपास सेंसर लगाने के पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं ताकि हाथियों की मौजूदगी का पता चल सके।

  • जरूरी जगहों पर अंडरपास, ऊंचे रास्ते (रैंप) और बाड़ लगाए गए हैं।

वन्यजीव संस्थान ने “इको-फ्रेंडली उपाय” नामक दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं ताकि रेलवे परियोजनाओं के दौरान वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

साथ ही 2023 और 2024 में रेलवे अधिकारियों के लिए वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में ट्रेनिंग वर्कशॉप आयोजित की गईं ताकि हाथियों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।

इंस्टीट्यूट की ओर से तैयार विस्तृत रिपोर्ट में 14 राज्यों के 77 रेलवे सेक्शन को “उच्च प्राथमिकता” वाले क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है, जहां विशेष सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।

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