लियोनेल मेसी के इवेंट से जुड़े मामले में गिरफ्तार मुख्य आयोजक सताद्रु दत्ता ने जांच अधिकारियों को बताया कि साल्ट लेक स्टेडियम में मौजूदगी के दौरान मेसी, लोगों के बार-बार छूने और गले लगाने से खुश नहीं थे। इसी वजह से वह तय समय से पहले ही वहां से चले गए। यह जानकारी शनिवार को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) से जुड़े एक सूत्र ने दी। SIT अधिकारियों की लंबी पूछताछ के दौरान दत्ता ने कहा कि मेस्सी को पीठ पर हाथ लगाना या गले लगाया जाना बिल्कुल पसंद नहीं था। उन्होंने बताया कि मेसी की सुरक्षा में तैनात विदेशी सुरक्षा अधिकारियों ने इस बात की जानकारी पहले ही दे दी थी।
बार-बार छूने और गले लगाने से खुश नहीं थे मेसी
सताद्रु दत्ता के मुताबिक, भीड़ को रोकने के लिए बार-बार लाउडस्पीकर से घोषणाएं की गईं, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। सूत्र ने बताया कि पूछताछ में दत्ता ने कहा कि जिस तरह से भीड़ ने मेसी को घेर लिया और उन्हें गले लगाया, वह वर्ल्ड कप जीत चुके इस फुटबॉल खिलाड़ी के लिए पूरी तरह से गलत और अस्वीकार्य था। पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास पूरे कार्यक्रम के दौरान लियोनेल मेसी के काफी पास दिखाई दिए। सामने आई तस्वीरों में उन्हें फुटबॉलर की कमर पकड़े हुए भी देखा गया। अरूप बिस्वास पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने रिश्तेदारों और निजी जान-पहचान वालों को मेसी के पास जाने की अनुमति दी। जैसे-जैसे इस मामले में आलोचना बढ़ी, उन्होंने जांच पूरी होने तक खेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जांच अधिकारी यह भी पता लगा रहे हैं कि इतनी बड़ी संख्या में लोग मैदान के ग्राउंड एरिया तक आखिर कैसे पहुंच गए।
बंगाल के खेल मंत्री पर भी उठे सवाल
कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास लगातार लियोनेल मेसी के काफी करीब नजर आए। सामने आई तस्वीरों में उन्हें फुटबॉल खिलाड़ी की कमर पकड़े हुए भी देखा गया। अरूप बिस्वास पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद और असर का इस्तेमाल कर अपने रिश्तेदारों और जान-पहचान के लोगों को मेस्सी के पास जाने की इजाज़त दी। इस मामले में जब आलोचना तेज़ हुई, तो उन्होंने जांच पूरी होने तक खेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं जांच एजेंसियां यह भी पता लगा रही हैं कि इतनी बड़ी संख्या में लोग मैदान के ग्राउंड एरिया तक कैसे पहुंच पाए।
आयोजक पर बनाया गया दबाव
मुख्य आयोजक सताद्रु दत्ता ने जांच एजेंसियों को बताया कि शुरुआत में स्टेडियम के ग्राउंड एरिया के लिए सिर्फ 150 पास जारी किए गए थे। लेकिन जब एक “बहुत प्रभावशाली व्यक्ति” वहां पहुंचा और दबाव बनाया, तो पासों की संख्या बढ़ाकर करीब तीन गुना कर दी गई। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या इतनी ज्यादा लोगों को अंदर जाने की अनुमति मिलने से भीड़ नियंत्रण पूरी तरह बिगड़ गया। एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि गिरफ्तार आरोपी ने यह भी कहा है कि जैसे ही वह प्रभावशाली व्यक्ति स्टेडियम में पहुंचा, लियोनेल मेस्सी के पूरे कार्यक्रम की व्यवस्था गड़बड़ा गई और हालात उसके नियंत्रण से बाहर हो गए। इसके अलावा, दत्ता ने मेस्सी के भारत दौरे से जुड़े खर्च और पैसों के लेन-देन की जानकारी भी जांच अधिकारियों को दी है।
जांच के दौरान दत्ता ने अधिकारियों को बताया कि इस दौरे के लिए लियोनेल मेस्सी को करीब 89 करोड़ रुपये दिए गए थे। इसके अलावा 11 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में भारतीय सरकार को चुकाए गए। इस तरह पूरे कार्यक्रम का कुल खर्च लगभग 100 करोड़ रुपये बताया गया। सूत्रों के अनुसार, इस रकम का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा स्पॉन्सर्स से आया था, जबकि 30 प्रतिशत पैसा टिकटों की बिक्री से जुटाया गया था। इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) को दत्ता के फ्रीज किए गए बैंक खातों में 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिली है। शुक्रवार को दत्ता के घर पर छापेमारी के दौरान SIT ने कई अहम दस्तावेज भी जब्त किए।
अधिकारी ने बताया कि दत्ता का दावा है कि उनके बैंक खाते में मौजूद पैसा कोलकाता और हैदराबाद में हुए मेसी इवेंट्स के टिकट बेचने और स्पॉन्सर्स से मिला था। फिलहाल जांच एजेंसियां इन दावों की जांच कर रही हैं। हजारों दर्शकों ने सॉल्ट लेक स्टेडियम में इस कार्यक्रम को देखने के लिए महंगे टिकट खरीदे थे। लेकिन जब बड़ी संख्या में लोग मैदान में उतरकर मेस्सी के चारों ओर जमा हो गए, तो हालात बिगड़ गए। मेस्सी दर्शक दीर्घा से ठीक से दिखाई नहीं दे पा रहे थे, जिससे फैंस नाराज़ हो गए। गुस्साए कुछ लोगों ने बाद में स्टेडियम के कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ भी की।
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