Bihar Hijab Row: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान महिला डॉक्टर का नकाब हटाने को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। नुसरत परवीन को शनिवार शाम 6 बजे तक पटना सदर के सबलपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में ड्यूटी पर रिपोर्ट करना था, लेकिन आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वह तय समय पर नहीं पहुंचीं।
पटना के सिविल सर्जन अविनाश कुमार सिंह ने पुष्टि की है कि नसरत परवीन शनिवार शाम 7 बजे तक ड्यूटी पर नहीं आईं। हालांकि, इस मामले में कुछ राहत दी गई है। ज्वाइनिंग की आखिरी तारीख को 20 दिसंबर से आगे बढ़ा दिया गया है। अब यह देखना होगा कि नुसरत परवीन सोमवार को अपनी ड्यूटी ज्वाइन करती हैं या नहीं। वहीं सबलपुर PHC के डॉक्टरों का कहना है कि लिस्ट में उनका नाम है, लेकिन अभी तक सिविल सर्जन कार्यालय से उनका नियुक्ति पत्र वहां नहीं पहुंचा है।
यह घटना पिछले सोमवार को मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित आयुष डॉक्टरों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के दौरान हुई थी। जब नुसरत परवीन नकाब पहनकर मंच पर आईं, तो मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर पूछा, 'यह क्या है?' और फिर उनका नकाब हटा दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री के व्यवहार पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
परिवार और कॉलेज प्रशासन की सफाई
नुसरत परवीन गवर्नमेंट तिब्बी कॉलेज की सेकंड ईयर की छात्रा हैं। कॉलेज के प्रिंसिपल महफूजुर रहमान ने इस मामले पर स्थिति स्पष्ट की है। परिवार का कहना है कि वे मीडिया की सुर्खियों से बचना चाहते हैं, इसलिए फिलहाल ज्वाइनिंग में देरी हो रही है। नसरत के पति के अनुसार, परिवार मुख्यमंत्री या सरकार से नाराज नहीं है, बल्कि मीडिया में जिस तरह इस विवाद को तूल दिया गया, उससे वे निराश हैं। वहीं प्रिंसिपल ने उन खबरों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि विरोध स्वरूप परिवार कोलकाता चला गया है।
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इस विवाद पर दुख जताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा, 'क्या पिता और पुत्री के बीच भी कोई विवाद हो सकता है? नीतीश कुमार छात्राओं को अपनी बेटियों की तरह मानते हैं।' उन्होंने मीडिया और विपक्षी दलों से इस मामले को बेवजह तूल न देने की अपील की।