Azam Khan Bail: उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को रामपुर के चर्चित क्वालिटी बार पर कब्जा के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। समाजवादी पार्टी (SP) की सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे आजम खान पर रामपुर में क्वालिटी बार पर कब्जे का आरोप है। आजम खान सीतापुर जेल में 23 महीने से बंद हैं। उनके वकील मोहम्मद खालिद ने गुरुवार (18 सितंबर) को बताया कि आजम खान को अब लगभग सभी मामलों में जमानत मिल गई है। ऐसे में उनके जेल से बाहर आने का रास्ता लगभग साफ हो गया है।
जस्टिस समीर जैन की सिंगल पीठ ने 21 अगस्त को अंतिम सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस फैसले से समाजवादी पार्टी के इस वरिष्ठ नेता की जेल से रिहाई का रास्ता साफ़ हो गया है। आजम खां के वकील मोहम्मद खालिद ने कहा, "बुधवार को कोर्ट ने क्वालिटी बार में कब्जे के मामले में आजम खान को जमानत दे दी है। आजम खान को अब सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है। जल्द ही वह अब जेल से बाहर आ जाएंगे।"
चर्चित क्वालिटी बार पर कब्जे के मामले में आजम खान के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। 21 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। 21 नवंबर 2019 को क्वालिटी बार के मालिक गगन अरोड़ा की शिकायत पर तत्कालीन रेवेन्यू इंस्पेक्टर ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने जफर अली जाफरी, आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा एवं बेटे अब्दुल्ला आजम को नामजद किया था।
आजम खान के खिलाफ शिकायत में दावा किया गया था कि मंत्री रहते हुए उन्होंने कॉन्ट्रेक्ट प्रक्रिया को प्रभावित करके रामपुर के क्वालिटी बार पर कब्जा करने का प्रयास किया था। हालांकि, उनके वकील ने तर्क दिया कि कॉन्ट्रेक्ट उनकी पत्नी और बेटे के नाम पर उचित प्रक्रिया के तहत जारी की गई थी। इसमें पद के दुरुपयोग का कोई सबूत नहीं है।
पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता इमरान उल्लाह, मोहम्मद खालिद और विनीत विक्रम सहित वरिष्ठ वकीलों ने अदालत में आजम का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने तर्क दिया कि 2019 में दायर किया गया यह मामला 2013 में हुई कथित अनियमितताओं पर आधारित था। आजम खान को लगभग एक दशक बाद 2024 में ही आरोपी बनाया गया था।
जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को एक दिन पहले 17 सितंबर को मुरादाबाद की एक विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने सड़क जाम करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से जुड़े 17 साल पुराने मामले में बरी कर दिया। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री को मंगलवार को यह राहत मिली।
खान के बचाव पक्ष के वकील शाहनवाज सिब्तैन नकवी ने कहा, "हमने आजम खान के पक्ष में सात गवाह पेश किए, जबकि अभियोजक मोहन लाल विश्नोई ने केवल एक गवाह पेश किया। जिससे आजम खान की जीत हुई।" यह मामला वर्ष 2008 का है, जब पुलिस द्वारा उनकी कार से हूटर हटाने के बाद खान ने छजलेट पुलिस स्टेशन के पास कथित तौर पर हंगामा किया था।
उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मिलकर सड़क जाम कर दी थी जिससे ट्रैफिक जाम हो गया था। बाद में प्रदर्शन हिंसक हो गया। कुछ बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए, जिसके बाद खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
बाद में पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया और मामला सुनवाई के लिए गया। कई अदालती आदेशों के बावजूद, खान अदालत में पेश नहीं हुए। मुकदमा समाप्त होने से पहले कई वर्षों तक आत्मसमर्पण करने से बचते रहे। नकवी ने बताया कि खान अब भी सीतापुर जेल में बंद हैं।