Bengaluru Cash Van Heist: RBI के अधिकारी बन कर आए और ATM कैश वैन से लूट लिए 7 करोड़ रुपए, पुलिस ने जांच में लगा दी पूरी ताकत

Bengaluru CMS Cash Van Heist: जांचकर्ता किसी भी संदिग्ध बातचीत के लिए कॉल लॉग और मैसेज हिस्ट्री की भी जांच कर रहे हैं। अपराध स्थल के आसपास सक्रिय सभी मोबाइल नंबरों की पहचान करने और यह पता लगाने के लिए कि क्या उन नंबरों और कर्मचारियों के बीच कोई कॉल हुई थी, टावर डंप विश्लेषण शुरू कर दिया गया है

अपडेटेड Nov 20, 2025 पर 2:07 PM
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Bengaluru Cash Van Heist: RBI के अधिकारी बन कर आए और ATM कैश वैन से लूट लिए 7 करोड़ रुपए

बेंगलुरु में मंगलवार को दिनदहाड़े हुई 7 करोड़ रुपए की डकैती की जांच तेज हो गई है, जहां ATM का पैसा ले जा रही CMS कैश वैन लूट ली गई थी। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि इसमें कोई अंदरूनी साजिश हो सकती है। NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ड्राइवर विनोद, कस्टोडियन आफताब, बंदूकधारी राजन्ना और कर्मचारी थम्मय्या से उनके बयानों की पुष्टि के लिए गहन पूछताछ की गई। ऐसा इसलिए क्योंकि चारों ने कथित तौर पर एक जैसे बयान दिए हैं और डकैती में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।

पुलिस ने उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि गाड़ी, बैंक या रूट की कोई तस्वीर ली गई थी या डिलीट की गई थी, या यह भी पता लगाया जा सके कि तस्वीरें या संवेदनशील जानकारी किसी को भेजी गई थी या नहीं।

जांचकर्ता किसी भी संदिग्ध बातचीत के लिए कॉल लॉग और मैसेज हिस्ट्री की भी जांच कर रहे हैं। अपराध स्थल के आसपास सक्रिय सभी मोबाइल नंबरों की पहचान करने और यह पता लगाने के लिए कि क्या उन नंबरों और कर्मचारियों के बीच कोई कॉल हुई थी, टावर डंप विश्लेषण शुरू कर दिया गया है।


टावर डंप विश्लेषण (Tower Dump Analysis) एक तकनीक है, जिसमें सेलुलर टावरों से एक तय समय के दौरान जुड़े सभी मोबाइल डिवाइस का डेटा इकट्ठा किया जाता है और उसका विश्लेषण किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य उस इलाके में किस-किस मोबाइल फोन ने नेटवर्क का इस्तेमाल किया, कब-कौन-कौन से कॉल, मैसेज हुए, किस समय कौन कहां था आदि की जानकारी हासिल करना होता है।

पूरे बेंगलुरु में पुलिस चेक पोस्ट

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारी बनकर कैश वैन लूटने वाले आरोपी अभी भी फरार हैं। बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर सीमांत कुमार सिंह ने पुष्टि की कि किसी अंदरूनी साजिस और सुरक्षा चूक सहित कई पहलुओं पर जांच की जा रही है।

सिंह ने कहा, "हमें जानकारी मिली है कि करीब सात करोड़ रुपए की लूट हुई है, लेकिन सटीक रकम की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है, क्योंकि ड्राइवर पूरी डिटेल नहीं दे रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, "पूरे शहर में चेकपोस्ट बनाए गए हैं और तीन DCP और एक ज्वाइंट CM सहित कई टीमें इस मामले पर काम कर रही हैं। हम इस बात का आकलन कर रहे हैं कि सुरक्षाकर्मियों ने अपने हथियार क्यों नहीं इस्तेमाल किए और पुलिस को सूचना देने में देरी क्यों हुई।"

WhatsApp कॉल, फर्जी कार नंबर प्लेट

CMS कैश वैन कर्मचारियों से मिली शुरुआती जानकारी के आधार पर, जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि लुटेरों ने WhatsApp कॉल के जरिए बातचीत की और कन्नड़ में बात की।

उन्हें शक है कि लुटेरे दो टीम में काम कर रहे थे- एक कैश वैन के कर्मचारियों का अपहरण करने के लिए और दूसरा कैश लेकर फरार होने के लिए। माना जा रहा है कि अपराध में इस्तेमाल की गई टोयोटा इनोवा पर नकली नंबर प्लेट लगी हुई थी।

होसाकोटे और होसुर सहित कर्नाटक-तमिलनाडु सीमावर्ती इलाकों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है, जिसमें 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं। टोल प्लाजा और सभी मेन एग्जिट रूटों के CCTV फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है।

फुटेज में डकैती में शामिल इनोवा को ओल्ड मद्रास रोड से इलेक्ट्रॉनिक सिटी की ओर जाते हुए दिखाया गया है।

पुलिस हाल ही में इस्तीफा देने वाले CMS कर्मचारियों, नए भर्ती हुए कर्मचारियों, संदिग्ध कर्मचारियों और क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले किसी भी व्यक्ति की भी आंतरिक मिलीभगत का पता लगाने के लिए जांच कर रही है।

जमीन पर कई स्पेशल टीमों के होने और राज्य की सीमाओं पर कड़ी निगरानी के साथ, बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि मामले को सुलझाना अब उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

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