Bengaluru Stampede: कर्नाटक के बैंगलोर में स्टेडियम के पास हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस भगदड़ में मारे गए 11 लोगों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। उन्होंने 33 घायलों को मुफ्त चिकित्सा उपचार देने का भी आश्वासन दिया। CM ने RCB के जश्न में मची भगदड़ की घटना की मजिस्ट्रेट जांच के भी आदेश दिए। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और गृह मंत्री जी परमेश्वर के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, सिद्धारमैया ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ में मरने वालों और घायलों की संख्या की पुष्टि की।
कर्नाटक के सीएम ने कहा, 'जीत के जश्न के दौरान एक बड़ी त्रासदी हुई। यह चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई। सरकार ने मृतकों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। सरकार घायलों को मुफ्त इलाज मुहैया कराएगी।' मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार राहत प्रयासों को प्राथमिकता दे रही है और इस घटना के कारणों की गहनता से जांच करेगी।
खुले बस में परेड की नहीं दी गई परमिशन: डीके शिवकुमार
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, 'मैंने घटना के बारे में पुलिस कमिश्नर से बात की है। लाखों लोग इकट्ठा हुए थे और कुछ ने स्टेडियम का गेट तोड़ने की कोशिश की। बॉरिंग अस्पताल में छह लोगों की मौत हो गई है और 11-12 अन्य का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि घायल खतरे से बाहर हैं। मैं लोगों से शांत रहने और अधिकारियों के साथ सहयोग करने की अपील करता हूं। आरसीबी के जश्न को सिर्फ 10 मिनट तक सीमित कर दिया गया है।' सरकार और प्रशासन पर उठते सवालों को लेकर उन्होंने कहा, पिछली सरकार के दौरान जो पुलिस अधिकारी प्रभारी थे वही आज भी काम कर रहे हैं। ऐसे में घटना के समय में किसी पर दोषारोपण करना सही नहीं है।
उन्होंने बताया कि, 'आरसीबी टीम ने खुले बस में विजय परेड का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री और पुलिस अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद, लोगों की सुरक्षा और खिलाड़ियों और दर्शकों की सुरक्षा को लेकर चिंताओं के कारण कार्यक्रम की अनुमति नहीं देने का फैसला किया गया।'
15 दिनों में होगी जांच और दोषियों पर होगी कार्रवाई
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, 'मैं इस घटना का बचाव नहीं करना चाहता। हमारी सरकार इस पर राजनीति नहीं करेगी। मैंने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं और 15 दिनों का समय दिया है।' उन्होंने आगे बताया कि 'लोगों ने स्टेडियम के गेट भी तोड़ दिए। भगदड़ मच गई। किसी को भी इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। स्टेडियम की क्षमता केवल 35,000 लोगों की है, लेकिन 2-3 लाख लोग आए...' यह घटना दर्शाती है कि भीड़ को नियंत्रित करने में प्रारंभिक प्रयास अपर्याप्त थे।