Cabinet Meeting : रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट्स की मैन्युफैक्चरिंग पर इंसेंटिव स्कीम को मिली मंजूरी, दो रेल प्रोजेक्ट्स को भी हरी झंडी

Cabinet Meeting : कैबिनेट ने रेयर अर्थ मैग्नेट की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए स्कीम को मंज़ूरी दी है और इसके लिए 7,280 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कैबिनेट ने पुणे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज़-2 को भी मंजूरी दे दी है

अपडेटेड Nov 26, 2025 पर 4:56 PM
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सरकार ने सिंटर्ड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए अपनी तरह की पहली स्कीम शुरू की है,जिसमें एंड-टू-एंड वैल्यू चेन बनाने पर ज़ोर दिया गया है

Cabinet Meeting : आज 26 नवंबर को कैबिनेट की बैठक में रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी मिल गई है। इसका लक्ष्य रेयर अर्थ मैग्नेट्स के घरेलू उत्पादन का ecosystem तैयार करना है। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को घोषणा की कि कैबिनेट ने 19,000 करोड़ रुपये की चार बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है।

उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने रेयर अर्थ मैग्नेट की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए स्कीम को मंज़ूरी दी है और इसके लिए 7,280 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वैष्णव ने एक ब्रीफिंग के दौरान कहा, “कैबिनेट ने सिंटर्ड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 7,280 करोड़ रुपये की स्कीम को मंज़ूरी दी है।”

प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह की पहली पहल का मकसद भारत में 6,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MTPA) की इंटीग्रेटेड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) मैन्युफैक्चरिंग क्षमता स्थापित करना है,जिससे आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और भारत ग्लोबल REPM मार्केट में एक अहम खिलाड़ी के तौर पर अपनी जगह बना सकेगा।


स्कीम की मुख्य बातें

सरकार ने सिंटर्ड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPMs) की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए अपनी तरह की पहली स्कीम शुरू की है, जिसमें एंड-टू-एंड वैल्यू चेन बनाने पर ज़ोर दिया गया है। इस स्कीम में रेयर अर्थ ऑक्साइड को मेटल में बदलने, इन मेटल को एलॉय में बदलने और आखिर में तैयार REPM बनाने का पूरा प्रोसेस शामिल है।

कुल 7,280 करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट वाले इस प्रोग्राम का मकसद 6,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MTPA) की मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बनाना है, जिसमें 1,200 MTPA की पांच यूनिटें लगाई जाएंगी। यह स्कीम सात साल तक चलेगी,जिसमें पहले दो साल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए होंगे।

पुणे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट

कैबिनेट ने पुणे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज़-2 को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत खराडी-खड़कवासला (लाइन 4) और नल स्टॉप-वारजे-माणिक बाग (लाइन 4A) लाइन बनाई जाएगी। यह प्रोजेक्ट पांच साल में पूरा हो जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत Rs 9,857.85 करोड़ रुपए है। केंद्रीय कैबिनेट ने प्रोजेक्ट के फेज़ 2 के तहत लाइन 4 और लाइन 4A को जोड़कर पुणे मेट्रो रेल नेटवर्क को बढ़ाने की मंज़ूरी दे दी है,जिससे शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ा सपोर्ट मिलेगा।

नए कॉरिडोर, खराडी से खड़कवासला (लाइन 4) और नल स्टॉप से ​​वारजे-माणिक बाग (लाइन 4A) को लगभग ₹9,857.85 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा और इनके पाँच साल में पूरा होने की उम्मीद है। ये सब मिलकर 31.6 km का एलिवेटेड नेटवर्क जोड़ेंगे जिसमें 28 स्टेशन होंगे जो पुणे के IT हब, कमर्शियल सेंटर, एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन और खास रिहायशी इलाकों को जोड़ेंगे।

ये लाइनें, लाइन 2 पर खराडी बाईपास और नल स्टॉप और लाइन 1 पर स्वर्गेट पर मौजूदा और मंज़ूर मेट्रो कॉरिडोर के साथ आसानी से जुड़ जाएंगी, जिससे लास्ट-माइल कनेक्टिविटी बढ़ेगी और शहर भर में ट्रैफिक जाम कम होगा।

बदलापुर-करजत के बीच 32 किमी लाइन को मंजूरी

कैबिनेट ने देवभूमि द्वारका (ओखा)-कनालूस रेलवे लाइन के डबलिंग के लिए 1,457 करोड़ रुपए और बदलापुर और कर्जत के बीच तीसरी और चौथी रेलवे लाइन बनाने के लिए 1,324 करोड़ रुपए मंज़ूर किए हैं। इन फैसलों का मकसद इंडस्ट्रियल कैपेसिटी को मज़बूत करना, कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना और खास इलाकों में लंबे समय तक चलने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में मदद करना है।

 

 

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