Cloudbursts In Uttarakhand: बादल फटने से उत्तराखंड में फिर तबाही! चमोली-रुद्रप्रयाग में 8 लोग लापता, 20 मवेशियों के भी दबे होने की आशंका

Cloudbursts In Uttarakhand: उत्तराखंड के कई स्थानों पर जारी लगातार बारिश के बीच चमोली-रुद्रप्रयाग जिले में भूस्खलन की चपेट में आकर कम से कम 8 लोग लापता हो गए हैं। अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के संगम पर जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन घटनाओं में कुछ परिवारों के लोगों के फंसे होने पर दुख जताते हुए उनके सकुशल होने की बाबा केदार से प्रार्थना की है

अपडेटेड Aug 29, 2025 पर 2:20 PM
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Cloudbursts In Uttarakhand: चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी जिलों में देर रात से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है

Cloudbursts In Uttarakhand: उत्तराखंड के कई स्थानों पर लगातार बारिश के बीच चमोली जिले में भूस्खलन की चपेट में आकर एक परिवार के दो सदस्य लापता हो गए। जबकि रुद्रप्रयाग जिले की बसुकेदार तहसील में बड़ेथ डुंगर तोक क्षेत्र में बादल फटने से कई लोगों के लापता होने की आशंका है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, रुद्रप्रयाग जिले में छह लोग लापता हो गए हैं। अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के संगम पर जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन घटनाओं में कुछ परिवारों के लोगों के फंसे होने पर दुख जताते हुए उनके सकुशल होने की बाबा केदार से प्रार्थना की है।

अधिकारियों ने बताया कि चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी जिलों में कई स्थानों पर देर रात से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। उन्होंने बताया कि चमोली जिले की थराली तहसील के देवाल क्षेत्र के मोपाटा गांव‌ में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन की चपेट में कुछ मकान आ गए। चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि मोपाटा में एक मकान और गोशाला के भूस्खलन की चपेट में आने से उसमें रह रहा एक कपल मलबे में दब गया। उन्होंने बताया कि घटना में एक अन्य कपल को भी मलबे से बाहर निकाला गया। उन्हें चोटें आई हैं।

15-20 मवेशियों के भी मलबे दबे होने की आशंका


गोशाला में बंधे 15-20 मवेशियों के भी मलबे में दबे होने की सूचना है। लापता कपल की पहचान तारा सिंह और उसकी पत्नी के रूप में हुई है। विक्रम सिंह और उसकी पत्नी घायल हुए हैं। रुद्रप्रयाग जिले में बड़ेथ डुंगर क्षेत्र में बादल फटने से छेनागाड़ डुंगर गांव तथा जौला बड़ेथ गांवों में कुछ लोगों के लापता होने की सूचना है।

अधिकारियों ने बताया कि अभी तक मिली प्रारंभिक सूचना के अनुसार, क्षेत्र के स्यूर में एक मकान क्षतिग्रस्त होने एवं एक वाहन के बह जाने तथा बड़ेथ, बगडधार, तालजामनी गांव के दोनों ओर बरसाती नाले में पानी और मलबा आने, किमाणा में खेतों तथा सड़क पर बड़े-बड़े बोल्डर व मलबा आने, अरखुण्ड में एक तालाब एवं मुर्गी पालन फार्म बहने, छेनागाड़ बाजार में मलबा भरने एवं कई वाहनों के बहने की जानकारी मिली है।

सीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी प्रतीक जैन जिला आपदा नियंत्रण कक्ष से लगातार अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं। सीएम ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में जिलास्तरीय अधिकारियों की तैनाती की जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में नेशनल हाईवे, लोक निर्माण विभाग और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना आदि एजेंसियों की अलग-अलग टीमें रास्ता खोलने के लिए जुटी हुई हैं। जबकि प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने हेतु वैकल्पिक मार्गों को चिह्नित कर राहत एवं बचाव दल भेजे जा रहे हैं। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता एवं सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।

मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में मलबे में कुछ परिवारों के फंसे होने पर दुख व्यक्त किया है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में धामी ने कहा, "स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इस संबंध में निरंतर अधिकारियों के संपर्क में हूं । आपदा सचिव और जिलाधिकारियों से बात कर बचाव कार्यों के प्रभावी संचालन हेतु आवश्यक निर्देश दिए हैं। बाबा केदार से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।"

नदियों का बढ़ा जलस्तर

लगातार बरिश से अलकनंदा और उसकी सहायक नदियों और मंदाकिनी नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर धारीदेवी और रुद्रप्रयाग के बीच अलकनंदा नदी का प्रवाह सड़क तक पहुंच गया है। रुद्रप्रयाग पुलिस के अनुसार, अलकनंदा का जलस्तर नेशनल हाईवे पर सिरोबगड़ से श्रीनगर गढ़वाल की ओर 800 मीटर आगे गोवा ब्रिज नामक स्थान तक पहुंच गया है। सुरक्षा के मद्देनजर फिलहाल वहां पर वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है।

नदियों का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर पुलिस द्वारा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को मुनादी कर सतर्क किया जा रहा है। उधर, टिहरी जिले में गुरुवार देर रात भारी बारिश और बादल फटने से बूढ़ा केदार क्षेत्र के गेंवाली गांव में भारी तबाही की सूचना है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि घनसाली के बूढ़ा केदार क्षेत्र के गेंवाली गांव में एक शौचालय और घर का आंगन आपदा की भेंट चढ़ गया। सिंचाई विभाग द्वारा पिछले वर्ष आपदा के बाद बनाई गई सुरक्षा दीवार भी मलबे और तेज बारिश की चपेट में आकर बह गई।

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लगातार हो रही बारिश के कारण बालगंगा, धर्मगंगा और भिलंगना नदियां उफान पर हैं। इससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। घनसाली के भिलंगना क्षेत्र के ठेला गांव में भी तेज बारिश के कारण मयाल गाड़ बरसाती नाले में मलबा आने से इलाके में पुलिया, गूलों (छोटी नहरें) और फसलों को नुकसान की सूचना है।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Aug 29, 2025 2:05 PM

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