'दिल्ली बनी फुलेरा पंचायत' सरकारी बैठक में बैठे दिखे CM रेखा गुप्ता के पति! AAP ने उठाए सवाल, BJP बोली- कुछ भी गलत नहीं

रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता, जो शालीमार के एक बिजनेसमैन हैं, वो इस बैठक में नजर आए। इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाया कि रेखा गुप्ता ने अपने पति को बैठक में क्यों आने दिया। उन्होंने इसकी तुलना पंचायत वेब सीरीज के गांव ‘फुलेरा’ से की, जहां महिला प्रधान की जगह उसका पति ही सारे काम करता है

अपडेटेड Sep 08, 2025 पर 12:56 PM
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सरकारी बैठक में बैठे दिखे CM रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता के एक सरकारी बैठक में शामिल होने पर विवाद शुरू हो गया। यह बैठक शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों की समीक्षा के लिए थी। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे असंवैधानिक बताया। गुप्ता ने रविवार को X पर लिखा, "बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे इलाके में चल रहे कामों की नियमित समीक्षा करें और तय समय पर विस्तृत रिपोर्ट जमा करें। साथ ही, पूरे हुए और अधूरे प्रोजेक्ट्स पर चर्चा की गई और जमीन के इस्तेमाल से जुड़े विभागीय मुद्दों को सुलझाने के लिए दिशा-निर्देश भी दिए गए।"

रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता, जो शालीमार के एक बिजनेसमैन हैं, वो इस बैठक में नजर आए। इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाया कि रेखा गुप्ता ने अपने पति को बैठक में क्यों आने दिया। उन्होंने इसकी तुलना पंचायत वेब सीरीज के गांव ‘फुलेरा’ से की, जहां महिला प्रधान की जगह उसका पति ही सारे काम करता है।


भारद्वाज ने X पर लिखा, "दिल्ली सरकार बनी फुलेरा पंचायत। जैसे फुलेरा की पंचायत में महिला प्रधान के पति प्रधान की तरह काम करते थे, आज दिल्ली में CM के पति आधिकारिक मीटिंग में बैठ रहे हैं। हमने पहले भी बताया था कि CM आले पति आधिकारिक मीटिंग में बैठते हैं , अधिकारियों के साथ मीटिंग और इंस्पेक्शन करते हैं।"

उन्होंने आगे लिखा, "ये पूरी तरह से असंवैधानिक है। देश की राजधानी में प्रजातंत्र और संविधानिक व्यवस्था का इस तरह मजाक बनाया जा रहा है। परिवारवाद पर पानी पी-पी कर कांग्रेस को गालियों देने वाली बीजेपी बताए- ये परिवारवाद नहीं है तो क्या है?"

AAP नेता ने आगे सवाल किया, "क्या दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी की मुख्यमंत्री के पास कोई ऐसा कार्यकर्ता नहीं बचा है जिसपर वो भरोसा कर सकें? ऐसा क्या काम है जो सिर्फ परिवार वाला ही कर सकता है? ऐसे क्या कारण हैं कि CM अपने पति की अथॉरिटी स्थापित करना चाहती हैं? क्यों इस तरह से अपने पति को सरकारी प्रशासनिक सिस्टम का हिस्सा बनाया जा रहा है?"

भारद्वाज ने बताया कि ये फोटो CM रेखा गुप्ता के इंस्टाग्राम से ली गई हैं । CMO के आधिकारिक Instagram अकाउंट पर भी यही फोटो डाली हुई हैं।

आप नेता संजय सिंह ने भी तंज कसते हुए लिखा, "फुलेरा पंचायत में आपका स्वागत है। मोदी जी ने दिल्ली में दो CM बना दिए हैं। रेखा गुप्ता CM उनका पति सुपर CM। मोदी जी की BJP ने 6 महीने में दिल्ली का कबाड़ा कर दिया।"

BJP ने विवाद पर क्या कहा?

इस बीच, BJP ने आप के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि रेखा गुप्ता के पति के सरकारी बैठक में बैठने में “कुछ भी गलत नहीं” था। भाजपा के हरीश खुराना ने NDTV से कहा, “सबसे पहले, मनीष गुप्ता न केवल रेखा गुप्ता के पति हैं, बल्कि वह शालीमार बाग के निर्वाचन क्षेत्र की भी देखभाल कर रहे थे।”

उन्होंने आगे कहा, "वह एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर इसकी देखभाल कर रहे थे। उन्होंने लोगों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। एक प्रतिनिधि के तौर पर, वह वहां बैठ सकते हैं। यह बैठक सिर्फ अधिकारियों के लिए नहीं थी। कुछ निवासी भी वहां बैठे थे।" उन्होंने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी निराश है।

भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा, "आम आदमी पार्टी को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर निशाना साधने के लिए कुछ और ठोस तरीका ढूंढ़ना चाहिए। वह अपने निर्वाचन क्षेत्र की समीक्षा बैठक कर रही थीं, जिसका प्रबंधन उनके पति करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे श्रीमती शीला दीक्षित के निर्वाचन क्षेत्र का प्रबंधन उनकी बहन रमा धवन करती थीं, और सुनीता केजरीवाल अरविंद केजरीवाल के निर्वाचन क्षेत्र का मैनेजमेंट देखती थीं।"

उन्होंने कहा, "हालांकि, सुनीता केजरीवाल के उलट, मुख्यमंत्री के पति उनकी कुर्सी पर नहीं बैठे थे या कोई अवैध आदेश जारी नहीं कर रहे थे, जिसे वरिष्ठ अधिकारियों को फाइल में दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया हो, जैसा कि "मुख्यमंत्री महोदया ने निर्देश दिया है।" उन्होंने कहा, "रेखा गुप्ता को सिर्फ इसलिए निशाना बनाना बंद करें, क्योंकि वह एक महिला हैं, जो अच्छा काम कर रही हैं और हर गुजरते दिन के साथ अरविंद केजरीवाल को और ज्यादा साधारण बना रही हैं।"

ऐसा ही विवाद अप्रैल में भी हुआ था, जब मनीष गुप्ता एक सरकारी बैठक में दिखे थे। उस बैठक में नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद थे, लेकिन मुख्यमंत्री खुद नहीं आई थीं। तब आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने आरोप लगाया था कि गुप्ता के पति बिना किसी अधिकार के सरकार चला रहे हैं।

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First Published: Sep 08, 2025 12:56 PM

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