Credit Cards

'अधिकारों को मान्यता देने से ही सच्चा सशक्तिकरण संभव': आदिवासी समुदाय के लोगों से मिलीं राष्ट्रपति मुर्मू

President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले विविध पृष्ठभूमि के प्रतिष्ठित आदिवासी लोगों के एक समूह को संबोधित किया, जो राष्ट्रपति भवन में उनसे मिलने आए थे। यह समूह जनजातीय कार्य मंत्रालय के 'आदि कर्मयोगी अभियान' के अंतर्गत राष्ट्रपति भवन में आया था

अपडेटेड Sep 09, 2025 पर 11:52 PM
Story continues below Advertisement
President Droupadi Murmu News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आदिवासी लोगों के एक समूह से मुलाकात की

President Droupadi Murmu News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार (9 सितंबर) को कहा कि सच्चा सशक्तिकरण लोगों के अधिकारों को स्वीकार करने से ही संभव है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदायों को सक्रिय रूप से जिम्मेदारी उठाते हुए अपना विकास करना चाहिए। राष्ट्रपति विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले विविध पृष्ठभूमि के प्रतिष्ठित आदिवासी लोगों के एक समूह को संबोधित कर रही थीं, जो राष्ट्रपति भवन में उनसे मिलने आए थे। यह समूह जनजातीय कार्य मंत्रालय के 'आदि कर्मयोगी अभियान (Adi Karmayogi Abhiyan)' के अंतर्गत राष्ट्रपति भवन में आया था।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, "हम सभी को मिलकर अपने आदिवासी भाइयों और बहनों की सक्रिय भागीदारी के साथ, एक ऐसे समाज और देश के निर्माण के लिए काम करना चाहिए जहां समानता, न्याय एवं सम्मान का वातावरण हो, आदिवासी समाज की संस्कृति और परंपराएं संरक्षित हों, और उनके अधिकारों की रक्षा हो।"

उन्होंने आदिवासी लोगों को उनकी विशिष्ट पहचान और समृद्ध संस्कृति को संरक्षित करते हुए मुख्यधारा से जोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। राष्ट्रपति ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम सामाजिक न्याय, समानता और पर्यावरण संरक्षण का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है।


उन्होंने कहा कि वास्तविक सशक्तिकरण केवल योजनाओं से नहीं आता है। मुर्मू ने कहा, "वास्तविक सशक्तिकरण लोगों के अधिकारों को स्वीकार करने से आता है। यह उन अधिकारों का सम्मान करने से मजबूत होता है और आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधित्व से कायम रहता है। आदिवासी समुदायों को चाहिए कि वे सक्रिय रूप से जिम्मेदारी उठाते हुए अपना विकास सुनिश्चित करें।"

राष्ट्रपति ने कहा कि 'आदि कर्मयोगी अभियान' उत्तरदायी शासन के माध्यम से आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने की एक परिवर्तनकारी पहल है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि इस साल जुलाई में इस अभियान के शुभारंभ के बाद से, एक लाख गांवों में अधिकारियों, स्वयंसेवकों, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं और आदिवासी युवाओं सहित 20 लाख आदि-कर्मयोगियों को संगठित किया जा रहा है।

ये भी पढ़ें- Asim Munir Vs Imran Khan: 'हालात बदतर हो रहे हैं...'; पूर्व पाकिस्तानी PM इमरान खान का आसिम मुनीर पर निशाना

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।