मध्य प्रदेश और राजस्थान में 11 बच्चों की मौत के बाद एक बार फिर कफ सिरप की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठे हैं। तमिलनाडु के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने कांचीपुरम की श्रीसन फार्मा कंपनी की ओर से बनाए गए कोल्डरिफ (Coldrif) कफ सिरप की जांच की। सैंपल रिपोर्ट में पाया गया कि इसमें खतरनाक केमिकल डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मौजूद है, ये वही केमिकल है जो बच्चों की मौत की वजह बना था।
इसके बाद तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और केरल सरकारों ने Coldrif सिरप की बिक्री पर तुरंत रोक लगा दी, जबकि दूसरे कई राज्यों ने जांच के आदेश जारी किए हैं। अब यह सवाल उठ रहा है कि यह कफ सिरप इतना विवादों में क्यों है और अब तक क्या कार्रवाई हुई है।
तमिलनाडु के कांचीपुरम की श्रीसन फार्मास्युटिकल्स की बनाई गई इस दवा को कई बच्चों की मौत का कारण बताया गया है। रिपोर्टों के अनुसार, सिरप लेने के बाद बच्चों की किडनी में गंभीर इंफेक्शन हुआ, जिससे कई की जान चली गई। अब तक केवल मध्य प्रदेश और राजस्थान ही नहीं, बल्कि केरल और तमिलनाडु में भी मौतों की पुष्टि हो चुकी है। न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 सितंबर से अब तक 14 बच्चों की मौत दर्ज की गई है।
राजस्थान में भी इसी तरह के एक और कफ सिरप को प्रतिबंधित किया गया है। वहीं, उत्तराखंड में दवा बनाने वाली कंपनियों और यूनिट पर छापेमारी की जा रही है, ताकि खराब सिरप के दूसरे बैचों का पता लगाया जा सके।
राज्य प्रयोगशाला की जांच में पाया गया कि Coldrif सिरप में 48.6% Diethylene Glycol (DEG)
मौजूद था। यह एक बेहद जहरीला केमिकल है, जो शरीर में पहुंचने पर किडनी और लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इतनी ज्यादा मात्रा में DEG की मौजूदगी स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों का पूरा उल्लंघन है।
बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चेतावनी जारी की है। निर्देश में कहा गया है कि “दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह का कफ सिरप नहीं दिया जाना चाहिए।”
इसके साथ ही मंत्रालय ने साफ किया कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी इन दवाओं के इस्तेमाल सिफारिश नहीं की जाएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, ज्यादातर मामलों में बच्चों की खांसी अपने आप कुछ दिनों में ठीक हो जाती है, इसलिए दवा देने से पहले आराम, पर्याप्त पानी और घरेलू नुस्खों पर ध्यान देना चाहिए।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि केंद्र की एडवाइजरी को राजधानी में पूरी तरह लागू किया जाएगा। अब दो साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा बिल्कुल नहीं दी जाएगी। साथ ही, जिन कंपनियों पर संदेह है, उनकी दवाओं की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उठाया गया है।
गुजरात में भी जांच के आदेश
गुजरात सरकार ने राज्य में बिक रहे सभी कफ सिरप की जांच के निर्देश जारी किए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि जिन कंपनियों पर संदेह है, वे सरकारी दवा खरीद एजेंसी गुजरात मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (GMSCL) की अप्रूवल लिस्ट में शामिल नहीं हैं। संबंधित एजेंसियां अब हर बैच की सख्त जांच कर रही हैं ताकि भविष्य में किसी भी तरह की लापरवाही न हो।