Delhi AQI Today: दिल्ली-NCR की हवा इन दिनों बेहद खतरनाक बनी हुई है। मंगलवार यानी आज सुबह 6 बजे राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 360 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी को दर्शाता है। कुछ इलाकों में यह 400 के पार दर्ज किया गया 'गंभीर' श्रेणी में आता है। पूरी राजधानी में धुंध की गहरी परत जमी है जिससे विजबिलिटी काफी कम हो गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रदूषण को लेकर जल्द ही कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति लोगों हेल्थ के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।
कई इलाकों में 'गंभीर' बना हुआ है प्रदूषण का स्तर
छह मॉनिटरिंग स्टेशनों पर AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' स्तर को दर्शाता है। बवाना (427), DTU (403), जहांगीरपुरी (407), नरेला (406), रोहिणी (404) और वज़ीरपुर (401) जैसे इलाकों में वायु प्रदूषण 'गंभीर' स्तर पर था। अन्य प्रमुख स्थानों पर AQI 337 से 396 के बीच रहा, जैसे अलिपुर (386), आनंद विहार (384), अशोक विहार (392), चांदनी चौक (383), आईटीओ (394), लोधी रोड (337), मुंडका (396), नेहरू नगर (389) और सिरिफोर्ट (368)।
GRAP-III लागू, पर स्थिति बेकाबू
राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा 11 नवंबर को पूरे दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) III लागू किया गया था। इसके तहत कई तरह के प्रतिबंध लागू है पर इक कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है और प्रदूषण का असर बेकाबू बना हुआ है। GRAP III के तहत ये प्रतिबंध है लागू:
सुप्रीम कोर्ट ने मांगी पराली पर रिपोर्ट
दिवाली के बाद से GRAP का तीसरा चरण लागू होने के बावजूद दिल्ली और एनसीआर में हवा की गुणवत्ता कई क्षेत्रों में लगातार 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है। बिगड़ती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकारों को पराली जलाने की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने आदेश दिया, 'हम पंजाब और हरियाणा राज्य को पराली जलाने पर अंकुश लगाने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हैं।'