Delhi Red Fort Blast Case: नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने गुरुवार (20 नवंबर) को कहा कि उसने 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट मामले चार और मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इससे इस केस में गिरफ्तार आरोपियों की कुल संख्या छह हो गई है। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों ने हमले में अहम भूमिका निभाई थी। NIA ने कहा कि गिरफ्तार गए आरोपियों में से तीन डॉक्टर हैं। जबकि एक धार्मिक उपदेशक है। दिल्ली कार विस्फोट में 15 लोग मारे गए थे।
आरोपियों की पहचान पुलवामा के डॉ. मुजम्मिल शकील गनई, अनंतनाग के डॉ. अदील अहमद राथर, लखनऊ के डॉ. शाहीन सईद और शोपियां के मुफ्ती इरफान अहमद वागे के रूप में हुई है। पटियाला हाउस कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट सेशंस जज ने चारों आरोपियों की कस्टडी NIA को दे दी है। उन्हें आगे की पूछताछ के लिए श्रीनगर ले जाया गया है।
दिल्ली विस्फोट के बाद ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मुजम्मिल गनई, अदील राथर और शाहीन सईद के साथ-साथ मौलवी इरफान अहमद वागे को गिरफ्तार कर लिया था। NIA के एक प्रवक्ता ने कहा, "इन सभी ने आतंकवादी हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें कई निर्दोष लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे।"
उनकी कस्टडी एनआईए को सौंपे जाने के साथ ही केंद्रीय एजेंसी द्वारा आरोपित लोगों की संख्या छह हो गई है। एनआईए ने 11 नवंबर को आधिकारिक तौर पर इस मामले को अपने हाथों में लिया था। एनआईए पहले ही दो लोगों आमिर राशिद अली और जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को गिरफ्तार कर चुकी है।
डॉ. उमर-उन-नबी विस्फोटकों से भरी कार चला रहा था। उसने अली के नाम पर कार कथित तौर पर खरीदी थी। वानी को तब गिरफ्तार किया गया जब यह पता चला कि उमर उसे आत्मघाती हमलावर बनने के लिए उकसाने की कोशिश कर रहा था। हालांकि वह इसके लिए तैयार नहीं हुआ।
लेकिन उस पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लिए सक्रिय सदस्य के तौर पर शामिल होने की सहमति देने का आरोप है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर आरोप है कि वे जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा उत्तर प्रदेश और हरियाणा के सहयोगियों के साथ मिलकर पकड़े गए व्हाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल के केंद्र में थे।
आरोपियों को 10 दिन की NIA कस्टडी में भेजा गया
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने लालकिला विस्फोट मामले में चारों आरोपियों को 10 दिन की एनआईए कस्टडी में भेज दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चारों आरोपियों से पूछताछ के लिए अदालत से 15 दिन की कस्टडी का अनुरोध किया था। लेकिन डिस्ट्रिक्ट सेशंस जज अंजू बजाज चांदना ने चारों आरोपियों को 10 दिन की एनआईए कस्टडी में भेज दिया।
चारों आरोपियों में पुलवामा के डॉ. मुजम्मिल शकील गनई, अनंतनाग के डॉ. अदील अहमद राथर और जम्मू-कश्मीर के शोपियां के मुफ्ती इरफान अहमद वगाय और उत्तर प्रदेश के लखनऊ की डॉ. शाहीन सईद शामिल हैं। अदालत परिसर में भारी सुरक्षा-व्यवस्था थी। अदालत की कार्यवाही के दौरान मीडियाकर्मियों को अंदर आने से रोक दिया गया।